धान खरीदी मे देरी से बिचौलियों को लाभ- मधुसूदन यादव

राजनांदगाँव

भाजपा अध्यक्ष व पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार 1 नवंबर से धान खरीदी नही करना चाहती है जिसके लिए वह मंत्रिमंडल के उपसमिति रिपोर्ट प्रस्तूत नही होने का बहाना बना रही है ,हकीकत तो यह है कि भूपेश सरकार सही समय मे धन नही खरीदना चाहती है और ना ही किसानों को वास्तविक लाभ देने चाहती है इडके विपरीत वह बिचौलियों को लाभ पहुंचाना चाहती है ।
यादव ने कहा कि गत वर्ष का उदाहरण है कि राजनांदगाँव जिले मे 9000 से अधिक पंजीकृत किसान, समितियों मे धान न बेच कर बाजार मे बहुत ही कम दर पर बेचने को मजबुर हो गए थे,जिससे उनको बहुत नुकसान उठाना पड़ा था।
यादव ने कहा कि धान खरीदी की तिथी की घोषणा तय नही होने से किसान को हतोत्साहित होंगे तथा बिचौलियों को लाभ मिलेगा । आज की स्थिति मे अग्रिम किस्म के धान की कटाई शुरु हो गई है और धान खरीदी की तिथी की घोषणा नही होना सरकार द्वारा किसानों के साथ षडयंत्र करना ही है।
प्रदेश के 70% आबादी की आमदनी धान की बिक्री पर निर्भर है ऐसे मे समय से धान खरीदी शुरु नही होना किसानों को नुकसान पंहुचाने की सोची समझी षडयंत्र है। इसका नुकसान किसानों को उठाना पडेगा। पिछले वर्ष का किसानो को अपने उत्पादन की पूरी कीमत अभी तक नहीं मिला है और वर्तमान उत्पादन की बिक्री में दो माह की देर हो रही है। इस स्थिति मे जो सरकार 25 सौ के दम पर सरकार मे आई है वह किसानों को लुटने का काम कर रही है और चार किश्तों मे राशि देकर वाहवाही लुटने का काम कर रही है।
वर्तमान मे मंडियों मे धान की आवक शुरु हो गई है। मुख्यमंत्री जी तीन किसान कानूनों के विरोधी हैं, तो उन्हे सबसे पहले यह करना चाहिए कि कोई भी पंजीकृत किसान बाजार मे धान बेचने मजबूर न हो, यदि कॉंग्रेस इस बात से इनकार करती है, तो पहले यह बतावें कि पिछले साल राजनांदगाँव जिले के 9000 पंजीकृत किसान बाजार मे धान बेचने क्यूं मजबूर हो गए?
कल मंत्रीमन्ड्लीय उपसमिति की बैठक है कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे जी, सहकारिता मंत्री अमरजीत भगत जी इस बात पर विचार करें कि धान खरीदी मे देरी होने से किसको फायदा है। यह सरकार अपने आप को किसानों की सरकार कहती है। यदि आप किसान हितैषी हो तो 1 नवंबर से धान खरीदना चाहिए अन्यथा यह किसानों को समझने मे देर नही लगेगी कि यह किसान विरोधी तथा बिचौलियों को लाभ पहुंचाने वाली सरकार है।

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