दिल्ली पुलिस ने रविवार को दो लोगों को किया गिरफ्तार, आतंकियों से तार जुड़े होने का शक

 

दिल्ली पुलिस ने बीते रविवार को जम्मू कश्मीर के सोपोर के रहने वाले शौकत और कैराना के रहने वाले जुबैर को गिरफ्तार कर 4 लग्जरी गाड़ियां और 1 पिस्टल बरामद की. साथ ही इन अपराधियों से 100 नम्बर प्लेट भी रिकवर की गई हैं.

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि जम्मू कश्मीर का रहने वाला शौकत फ्लाइट से दिल्ली आता था और दिल्ली से चोरी की गाड़ियों को लेकर ऑन रोड जम्मू कश्मीर ले जाता था. जांच में पता चला है कि जून महीने में शौकत 5 बार फ्लाइट से दिल्ली आ चुका था. शौकत का मोबाइल फोन एजेंसियों ने खंगाला जिसमें कश्मीर के कई आतंकियों की फोटो मिली हैं.

 पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह में जम्मू और कैराना के कई लोग शामिल हैं जिसके बाद सोमवार यानी आज आईबी (IB) की टीम दिल्ली पुलिस के कमला मार्किट दफ्तर पहुंची और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. दिल्ली पुलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने एक इनपुट के आधार पर 2 कार चोरों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने 2 बलेनो 1 स्विफ्ट, 1 सेंट्रो गाड़ियां बरामद की हैं. इतना ही नहीं आरोपियों के पास से 100 फर्जी नम्बर प्लेट और पिस्टल भी बरामद हुई है.

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक कैराना का रहने वाला जुबैर और इसके गिरोह के लोग दिल्ली में लग्जरी गाड़ियों की चोरी करते थे जिसके बाद जम्मू कश्मीर से बकायदा फ्लाइट पकड़ कर शौकत दिल्ली आता था और सड़क के रास्ते चोरी की गाड़ियों को जम्मू कश्मीर लेकर जाता था.जम्मू कश्मीर के रहने वाले शौकत ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वो चोरी की गाड़ियों को जम्मू कश्मीर में ले जाकर वसीम नाम के एक शख्स को दे देता था.पुलिस अब जम्मू कश्मीर में वसीम की तलाश में जुटी है. इधर दिल्ली पुलिस की एक टीम जुबैर को लेकर कैराना में ताबड़तोड़ रेड कर रही है.

दिल्ली पुलिस के इस खुलासे के बाद खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए. लिहाजा इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ साथ जम्मू कश्मीर से टीमें आरोपी शौकत और जुबैर से पूछताछ करने में जुटी हैं. जांच एजेंसियां ये जानने में जुटी हैं कि इतने बड़े पैमाने पर चोरी की गाड़ियां जम्मू कश्मीर किसके पास भेजी जा रही थीं और जम्मू कश्मीर के बाद गाड़ियों कहां जा रही थीं, कहीं कार चोरी गैंग का कोई आतंकी कनेक्शन तो नहीं है. जांच एजेंसियां इस मामले को लेकर इसलिए भी ज्यादा गंभीर हैं क्योंकि संसद पर हमले से लेकर कई आतंकी हमलों में चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल पहले भी हो चुका है.

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