दलितों और महिलाओं का मंत्री बनना विपक्ष को रास नहीं आया -प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली
मॉनसून सत्र आज  से शुरू हो चुका है, लेकिन सत्र के पहले दिन की शुरुआत ही जोरदार हंगामे के साथ हुई. लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ विपक्षी दलों के नेताओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया. भारी हंगामे के बीच पीएम मोदी ने कहा कि खुशी की बात है कि कई महिलाएं और दलित भाई मंत्री बने हैं, लेकिन कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है.

पीएम ने कहा कि मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, ​आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला. उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी,​ किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है. इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते.
 

वहीं, परिचय के दौरान हुए हंगामे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नए मंत्रियों को सदन में परिचय नहीं होना दिया. 24 साल में पहली बार ऐसा देखा हूं. आज सदन की परंपरा को तोड़ा गया है. विपक्ष को शांतिपूर्ण वातावरण में सदन को चलने देना चाहिए.

सत्र से पहले क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि था कि मैंने सदन के सभी नेताओं से आग्रह किया है कि अगर कल (20 जुलाई) शाम को वो समय निकालें तो मैं महामारी के संबंध में सारी विस्तृत जानकारी उनको देना चाहता हूं. हम सदन में भी चर्चा चाहते हैं और बाहर भी. मैं चाहता हूं कि विपक्ष के नेता तीखे से तीखा सवाल पूछें, लेकिन सरकार को भी जवाब देना मौका दें.

विपक्षी दलों का स्थगन प्रस्ताव

बता दें कि विपक्षी दलों द्वारा सत्र शुरू होने से पहले ही स्थगन प्रस्ताव दिए गए हैं और कई मसलों पर चर्चा करने की मांग की गई है. कोरोना मैनेजमेंट, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दाम समेत अन्य मसलों पर संसद में चर्चा के लिए नोटिस दिया गया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा संसद में कोरोना संकट पर चर्चा की मांग की गई है. सांसद मनोज झा ने नोटिस देकर कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों पर चर्चा करने को कहा है.

इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा कई मसलों पर चर्चा कराने की मांग की गई है. इनमें पेट्रोल, डीज़ल के बढ़ते दाम, कृषि कानून, वैक्सीनेशन, अर्थव्यवस्था जैसे मसले शामिल हैं. आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान द्वारा लोकसभा में कृषि कानून और किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया जाएगा. भगवंत मान ने इस मसले पर नोटिस दिया है.

 

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