थोक-खुदरा विक्रेता भी ऐसे लें एमएसएमई लोन का लाभ, इन डाक्यूमेंट्स को रखें तैयार

नई दिल्ली 
थोक और खुदरा व्यापारी अब प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत आसानी से लोन ले सकते हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में थोक और खुदरा व्यापारियों को एमएसएमई दायरे में लाने का ऐलान किया था। इस फैसले के बाद एमएसएमई लोन का फायदा थोक और खुदरा व्यापारी उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें उद्यम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।इस सुविधा का लाभ लेने के लिए सबसे पहले कारोबारी को msme.gov.in पर जाना होगा। इसके बाद ऑनलाइन सर्विसेस के तहत उद्यम रजिस्ट्रेशन को चुनना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी।

इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत

संस्था व उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का पैन
जीएसटी नंबर
आधार नंबर
प्रोपराइटरशिप फर्म/पार्टनरशिप/ सोसायटी/ ट्रस्ट और उनके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के विवरण
व्यवसाय के पते का प्रमाण
उद्यमिता और ऊपर उल्लिखित लोगों के ई-मेल पते, मोबाइल नंबर
पंजीकृत कार्यालय का पता
बैंक का विवरण
अन्य जानकारी जैसे बिजनेस गतिविधि कोड, कर्मियों की संख्या।
इन बातों का रखना होगा ख्याल

उद्यम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करते समय, एक एनआईसी कोड सबमिट करने की जरूरत होगी। थोक और खुदरा के लिए 45,46 और 47 श्रेणी हैं।
एमएसएमई फॉर्म जमा होने के 1-2 दिनों में जारी होगा।
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन और एमएसएमई सर्टिफिकेट निशुल्क जारी होगा।
खराब सिबिल स्कोर के चलते रजिस्ट्रेशन अस्वीकृत हो सकता है।

क्या है एमएसएमई 
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया है। इसमें निवेश और टर्नओवर, दोनों को आधार पर बनाया गया है, जबकि पहले सिर्फ पूंजी निवेश का आधार था। व्यापारियों को एमएसएमई बनने से कई तरह के फायदे मिलेंगे। वे अब प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के हकदार हो गए हैं। इस तरह की लेंडिंग में रेगुलर लोन से एक-डेढ़ फीसदी तक कम ब्याज पर लोन मिलता है।

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