नई दिल्ली
क्रिसिल का कहना है कि वित्तवर्ष 2021-22 की पहली छमाही में सीमेंट की मांग में सालाना आधार पर 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। लेकिन दूसरी छमाही में बेमौसम बारिश की वजह से सीमेंट की मांग घटने के साथ बालू और मजदूरों की भी कमी होने लगी। सीमेंट कंपनियों का कहना है कि पिछले 2-3 महीने में सीमेंट बनाने की लागत 70-75 रुपये प्रति बोरी बढ़ चुकी है।
देश में सीमेंट की कीमतों में इस महीने 25-50 रुपये प्रति बोरी का इजाफा हो सकता है। रूस-यूक्रेन के संकट की वजह से बढ़ रही लागत का बोझ कंपनियां अब ग्राहकों पर डालने की तैयारी में हैं। इससे लोगों के लिए मकान बनान पहले के मुकाबले महंगा हो जाएगा। पिछले एक साल में सीमेंट का भाव बढ़कर 390 रुपये प्रति बोरी पर पहुंच गया है। इसकी कीमतें बढ़कर 415 से 435 रुपये पहुंच सकती हैं।
एजेंसी ने कहा कि मार्च में कच्चे तेल की कीमतें 115 डॉलर प्रति बैरल पार कर गई थीं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कोयला का भाव भी विभिन्न कारणों से बढ़ा है। क्रिसिल ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख खदानों में तापमान के बदलने और इंडोनेशिया की ओर से कोयला निर्यात पर प्रतिबंध लगने से सीमेंट की मांग बढ़ गई है। ऊर्जा और ईंधन के साथ परिवहन लागत भी बढ़ी है। सीमेंट का करीब 50% हिस्सा सड़कों के जरिये ही ढोया जाता है।
लागत 70-75 रुपये बढ़ी
क्रिसिल का कहना है कि वित्तवर्ष 2021-22 की पहली छमाही में सीमेंट की मांग में सालाना आधार पर 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। लेकिन दूसरी छमाही में बेमौसम बारिश की वजह से सीमेंट की मांग घटने के साथ बालू और मजदूरों की भी कमी होने लगी। सीमेंट कंपनियों का कहना है कि पिछले 2-3 महीने में सीमेंट बनाने की लागत 70-75 रुपये प्रति बोरी बढ़ चुकी है। ऐसे में अब पहले के भाव पर सीमेंट बेचना हमारे लिए मुश्किल हो रहा है।