ग्रामीण की सहमति बगैर श्मशान घाट को हटाने की कोशिश का माकपा ने विरोध किया

कोरबा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पुनर्वास ग्राम गंगानगर के श्मशान घाट को ग्रामीणों को सूचित किये बिना और बगैर उनकी सहमति के श्मशान घाट को एसईसीएल द्वारा हटाये जाने की कोशिश का कड़ा विरोध किया है और मांग की है कि पहले नए स्थायी श्मशान घाट का निर्माण कराया जाए और पुराने श्मशान घाट में निर्मित मठों (स्मारकों) को सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार विस्थापित करने की प्रक्रिया को पूर्ण कराया जाए।

उल्लेखनीय है कि एसईसीएल, गेवरा द्वारा ग्राम घाटमुड़ा का अधिग्रहण वर्ष 1981-82 में किया गया था। अधिग्रहण के बाद उन्हें गंगानगर में बसाया गया था, लेकिन पूर्ण पुनर्वास के अभाव में उन्हें श्मशान घाट के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है। बसाहट के बाद ग्रामीण अब तक जिस जगह पर कफन-दफन कर रहे हैं, एसईसीएल द्वारा डोजर चलाकर उसे हटाने का प्रयास किया गया, जिसका ग्रामीणों ने तीखा विरोध किया।

माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि शमशान घाट में ग्रामीणों ने अपने पूर्वजों की याद में मठों (स्मारकों) का निर्माण कराया है और वे ग्रामीणों की आस्था के प्रतीक और धरोहर है। इन स्मृति-चिन्हों को बुलडोज़र से नेस्तनाबूद करना अनैतिक और असामाजिक कृत्य है, जिसकी इजाजत एसईसीएल को नहीं दी जाएगी। यदि एसईसीएल ऐसा जबर्दस्ती करेगा, तो शांति भंग होगी।

माकपा ने इस संबंध में एक ज्ञापन एसडीएम, कटघोरा को सौंपा है और उनसे ग्रामीणों के पक्ष में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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