खुफिया रिपोर्ट के देसी आतंकवाद से परेशान अमेरिका ने अब बनाई मुकाबले की रणनीति

वाशिंगटन
आखिरकार अमेरिका ने ‘अंदरूनी आतंकवाद’ को एक बड़े खतरे के रूप में स्वीकार किया है। मंगलवार को जो बाइडन प्रशासन ने ‘घरेलू आतंकवाद का मुकाबला करने की राष्ट्रीय रणनीति’ का एलान किया। कहा गया कि सत्ता में आने के बाद बाइडन प्रशासन ने 100 दिन तक इस मामले की व्यापक समीक्षा की। उसके बाद इस खतरे से लड़ने की रणनीति तैयार की गई है। रणनीति के जारी दस्तावेज में कहा गया है कि अमेरिका के सामने मौजूद आतंकवाद का सबसे तात्कालिक खतरा यही आतंकवाद है। बताया जाता है कि ये रणनीति बाइडन प्रशासन के अटार्नी जनरल मेरिक गारलैंड, एफबीआई के निदेश क्रिस्टोफर व्रे, और बाकी खुफिया एजेंसियों के आकलन के आधार पर तैयार की गई है।

इसके पहले बीते मार्च में अमेरिका में खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट जारी की थी। उसमें बताया गया कि श्वेत चरमपंथी और सरकार विरोधी उग्रवादी घरेलू आतंकवाद के लिए जिम्मेदार दो सबसे खतरनाक तत्व हैं। अब इसका राष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला करने की योजना घोषित की गई है। विश्लेषकों के मुताबिक इस रणनीति के चार मुख्य बिंदु हैं। इसमें सबसे पहला यह है कि घरेलू आतंकवाद संबंधी सूचनाओं को समझा और साझा किया जाएगा।

व्हाइट हाउस की तरफ से जारी रणनीति के दस्तावेज में कहा गया है कि एफबीआई और न्याय मंत्रालय ने एक दुरुस्त सिस्टम तैयार किया है, जो सुसंगत रूप से घरेलू आतंकवाद संबंधी मामलों पर देश भर में नजर रखेगा। विदेश मंत्रालय लगातार इस बात का जायजा लेता रहेगा कि क्या घरेलू आतंकवादियों के तार किसी ऐसे विदेशी संगठन से जुड़े हैं, जिन्हें अमेरिका आतंकवादी मानता है। वित्त मंत्रालय ने आतंकवादी संगठनों को धन मिलने के स्रोतों की पहचान करने की अपनी क्षमता बढ़ाएगा। गृह मंत्रालय को जिम्मा दिया गया है कि वह तमाम संबंधित सूचनाओं को हासिल करने का अपना तंत्र मजबूत करे।

रणनीति का दूसरा बिंदु है आतंकवादी संगठनों में नए लोगों के शामिल होने और हिंसा के लिए उनकी तैयारी को रोकना। इसके लिए आधुनिक डिजिटल तकनीक के जरिए सूचनाएं इकट्ठी की जाएंगी। हाल में अमेरिका टेक कंपनियों के वैश्विक गठबंधन में शामिल हुआ है। उससे नए तकनीकी समाधान विकासित करने में मदद मिलेगी। मकसद ऑनलाइन माध्यमों पर आतंकवादी विचारों की अभिव्यक्ति पर नजर रखना है। इस काम के लिए गृह मंत्रालय सात करोड़ 70 लाख डॉलर का आवंटन राज्यों और स्थानीय प्रशासन को करेगा।

रणनीति का अगला बिंदु घरेलू आतंकवादी गतिविधियों को रोकना है। न्याय मंत्रालय विचार कर रहा है कि क्या इसके लिए किसी नए कानून की जरूरत है। दस्तावेज में कहा गया है कि कानून बनाते वक्त इस बात का ख्याल रखना होगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक अधिकारों के बीच संतुलन बना रहे। कार्मिक मंत्रालय से कहा गया है कि वह सरकारी पदों पर नियुक्ति के दौरान इसकी पूरी जांच पड़ताल करे कि कोई घरेलू आतंकवादी नौकरी ना पा जाए।

रणनीति का चौथा बिंदु घरेलू आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तत्वों पर नियंत्रण के दीर्घकालिक उपाय करना है। इसके लिए बाइडन प्रशासन ने संकल्प जताया है कि वह नस्लीय, जातीय और धार्मिक नफरत से अमेरिका के लोगों को बचाने के उपाय करेगा। इसके लिए कानून पर अमल के दौरान सामने आने वाले पूर्वाग्रहों पर काबू पाया जाएगा और हथियारों की बिक्री नियंत्रित की जाएगी। कहा गया है कि गलत और गुमराह करने वाली सूचना और कॉन्सपिरेसी थ्योरीज (षड्यंत्र के सिद्धों) के कारण होने वाले ध्रुवीकरण को रोकने के उपाय किए जाएंगे।

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