बीजिंग
दुनिया के हर देश की अर्थव्यवस्था को पानी में मिलाने की चाहत रखने वाले ड्रैगन पर अब कुदरत की लाठी पड़ने वाली है, वो भी बहुत जोर से। विश्व की प्रतिष्ठित अखबार फाइनेंसियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पूर्वी तटों पर जल्द ही समुद्र का रौद्र रूप बरसने वाला है, जिससे चीन के बड़े बड़े औद्योगिक शहर बर्बाद हो जाएंगे। जिसमें शंघाई भी शामिल है, जो चीन की अर्थव्यवस्था में 974 बिलियन डॉलर का योगदान देगा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन पर बहुत बड़ा संकट मंडरा रहा है और ये एक ऐसा संकट है, जो कुदरती है और इसे रोकना संभवत: चीन के वश की बात नहीं होगी।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पूर्वीय तटीय शहरों पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है और अगले कुछ सालों में चीन पर इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक जब चीन की जनसंख्या, जीडीपी को समुद्री लेवल बढ़ने के साथ जोड़ा गया और फिर रिपोर्ट तैयार की गई, तो पता चला है कि चीन बहुत बड़े खतरे में घिर चुका है। रिपोर्ट से पता चला कि चीन के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में काफी तेज समुद्री ज्वार आएगा और उन शहरों में औद्योगिक उत्पादन पूरी तरह से बंद करना पड़ेगा। फाइनेंसियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2100 के आते आते चीन के बड़े बड़े औद्योगिक शहरों पर समुद्री बाढ़ और ज्वार की वजह से ताला पड़ जाएगा। बचने का एक ही रास्ता है, वो है ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करके क्लाइमेट चेंज को रोकना, जो संभव नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाइमेट चेंज होने की वजह से समु्द्र में पानी का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाएगा, जो चीन के पूर्वी तटीय शहरों के लिए विनाशकारी होगा।
शंघाई शहर, चीन का सबसे बड़ा आर्थिक शहर माना जाता है और वहां पर चीन की बड़ी बड़ी प्रतिष्ठित कंपनियां हैं। शंघाई शहर यांग्ज़ी नदी और हांग्जो बे के बीच स्थिति है और समुद्री बाढ़ और ज्वार की चपेट में आने वाला ये सबसे पहला और बड़ा शहर होगा। साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक शंघाई शहर से चीन करीब 974 बिलियन डॉलर का व्यापार करता है, जो चीन की जीडीपी का बड़ा हिस्सा है और समुद्री बाढ़ की चपेट में सबसे पहले ये शहर आएगा। शंघाई के बाद सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है सूज़ौ और जियाक्सिंग पर। ये दोनों शहर शंघाई से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित हैं। चीन में औद्योगिक रेंकिंग के हिसाब से 34 शहरों में से इन दोनों शहर को दूसरे और तीसरे स्थान पर रखा गया है। सूजौ शहर से चीन की जीडीपी को 330.4 बिलियन डॉलर मिलता है तो जियाक्सिंग शहर से चीनी की जीडीपी को 128.8 बिलियन डॉलर मिलता है। और फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि शंघाई के बाद चीन के ये दोनों शहर समुद्री बाढ़ और ज्वार की चपेट में आने से पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।