कोरोना के मामले बढ़े तो पाबंदियां भी बढ़ती गईं, लॉकडाउन लगाने की नौबत क्यों पड़ी?

पटना 
कोरोना के मामले बढ़ने के साथ राज्य सरकार ने बिहार में पाबंदियां भी बढ़ाईं। अब संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए आखिरकार मंगलवार को बिहार में लॉकडाउन की घोषणा कर दी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पहली बार राज्य में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया गया है जो 5 मई से प्रभावी होगा। हालांकि, इससे पहले पाबंदियों को लेकर 27 मार्च, 3, 9, 18 और 28 अप्रैल को पांच बार आदेश जारी किए गए थे। 

27 मार्च : होली व शब-ए-बारात को लेकर पाबंदी 
कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए पहली बार 27 मार्च को अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद और डीजीपी एसके सिंघल ने संयुक्त आदेश जारी किया। ये आदेश होली और शब-ए-बारात के मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए किया गया था।

3 अप्रैल : स्कूल-कॉलेज व सार्वजनिक आयोजन पर रोक 
पाबंदियों को लेकर दूसरा आदेश मुख्य सचिव और डीजीपी के आदेश पर 3 अप्रैल को जारी किया गया। यह 5 अप्रैल से प्रभावी था। 5 से 11 अप्रैल तक सभी स्कूल कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी गई। सरकारी कार्यालयों में सामान्य लोगों के आने पर रोक के साथ सार्वजनिक परिवहन के साधनों में यात्रियों की संख्या को क्षमता के 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया। 

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