कृमिमुक्ति कार्यक्रम को सफल बनाने को आयोजित हुई जिला स्तरीय कार्यशाला

जगदलपुर,

जिले में कृमि से बचाव हेतु राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो चुकी है। 27 अप्रैल को ऑनलाइन जिला स्तरीय कार्यशाला में कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु अंतर्विभागीय चर्चा हुई। 5 मई से 10 मई तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बस्तर संभाग के 1 से 19 वर्ष तक के 12.16 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे। वहीं बस्तर जिले में 3.34 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलायी जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया, “बस्तर में बच्चों को कृमि रोग से बचाने के लिए एल्बेंडाजोल की गोली खिलायी जाएगी। बच्चों के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, पोषण की स्थिति में सुधार व उन्हें गुणवत्तापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम साल में दो बार आयोजित किया जाता है। बस्तर में राज्य से प्राप्त 3.67 लाख कृमिनाशक एल्बेंडाजोल की गोली का वितरण जिले के समस्त ब्लॉक में किया जा चुका है। राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस (एनडीडी) कार्यक्रम 5 मई से 10 मई तक मनाया जाएगा।”

आगे उन्होंने बताया, “कृमि संक्रमण के पनपने से बच्चे के शरीर में खून की कमी हो जाती है। वह हमेशा थकान महसूस करते हैं और उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास भी बाधित होता है। साथ ही बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिये 1 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर-किशोरियों को कृमि से बचाव हेतु एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाया जाना आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान कोविड 19 संबंधित दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।“

कृमिमुक्ति कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सी.आर.मैत्री ने बताया, ” राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के लिये आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में समस्त सहयोगी विभाग को कृमिनाशक गोली (एल्बेंडाजोल) खिलाये जाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। जिले में आगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं और एएनएम द्वारा अल्बेंडाजोल की दवा अपने सामने खिलायी जायेगी। यह दवा खाली पेट नहीं दी जायेगी। अगर किसी बच्चे की कोई गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा और वह नियमित रूप से दवा खा रहा व कोई भी बच्चा सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ से ग्रसित है तो, उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक एल्बेंडाजोल की आधी गोली को चूरा बनाकर पानी के साथ, 2 से 3 वर्ष को एक पूरी गोली चूरा बनाकर पानी के साथ तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर खिलायी जानी है। बच्चों में कृमि संक्रमण अस्वच्छता तथा दूषित मिट्टी के संपर्क में आने से होती है। कृमि संक्रमण से बच्चों के पोषण स्तर तथा हीमोग्लोबिन स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ता है, जिससे बच्चों में शारीरिक व बौद्धिक विकास बाधित होती है।”

ब्लॉकवार लक्षित बच्चों की सँख्या
बस्तर जिले में ब्लॉकवार आंकड़ों के अनुसार, बकावण्ड में 59,982, बास्तानार में 19,233, बस्तर में 65,657, दरभा में 31,772, नानगुर में 45,778, जगदलपुर (शहरी ) में 50,229, लोहण्डीगुड़ा में 30,364, तोकापाल में 31,029 बच्चों को कृमि नाशक एल्बेंडाजोल की गोली खिलाये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

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