किसान सभा की मांग : ओलावृष्टि से परलकोट में हुए नुकसान पर हर परिवार को 50000 रुपये की राहत राशि दे सरकार, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

रायपुर

अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 29-30 दिसम्बर को आये तूफान से प्रदेश की खेती-किसानी और विशेषकर कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र के किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। इस संबंध में किसान सभा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान आकृष्ट किया है।

आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते ने कहा कि 29-30 दिसम्बर को छत्तीसगढ़ ने विगत दो दशकों का सबसे खराब मौसम देखा है, जिसने खेती-किसानी और किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। इस तूफान से न केवल खेतों में खड़ी मक्के की फसल बर्बाद हुई है, बल्कि किसानों के घरों-खलिहानों में रखी धान की फसल और उनके घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि इस तूफान ने कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, जहां प्रदेश का सबसे ज्यादा खाद्यान्न उत्पादन होता है। ओलावृष्टि ने हजारों घरों की छतों को तोड़ दिया है और घर-खलिहानों में रखे धान और खेत में खड़ी मक्के की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। मुख्यमंत्री ने फसल नुकसानी के आंकलन का प्रशासन को जो निर्देश दिया है, इतनी तबाही के बाद भी परलकोट में उसका कोई अता-पता नहीं है। किसान सभा नेता ने इस तबाही के वीडियो भी मीडिया के लिए जारी किए हैं।

इन तथ्यों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्हें लिखे पत्र में किसान सभा नेता ने मांग की है कि पूरे राज्य में और खासकर परलकोट क्षेत्र में किसानों के घरों और उनकी खेती-किसानी को हुए संपूर्ण नुकसान का आंकलन किया जाए और तब तक प्रत्येक किसान परिवार को 50000 रुपयों की राहत राशि प्रदान की जाएं।

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