कल्याण सिंह को CM योगी और राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि, राजनाथ बोले- मैंने अपना बड़ा भाई खोया

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का लंबी बीमार के बाद शनिवार देर रात निधन हो गया। 89 साल की उम्र में उन्होंने लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। वहीं, कल्याण सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। साथ ही, कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि प्रदान की।वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है।' केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनथा सिंह ने कहा, 'कल्याण सिंह को नेता कहूं या बड़ा भाई कहूं या मित्र कहूं यह फ़ैसला करना कठिन है। उनकी भूमिका ऐसी रही है कि ऐसा लगता था कि इसमें वह नेता हैं, इसमें बड़े भाई हैं और इसमें मित्र हैं। अब वह हमारे साथ नहीं है, मैं उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असंभव है। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस कठिन घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे।' 

 राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा, शुचिता, पारदर्शिता व जनसेवा के पर्याय, जननेता कल्याण सिंह का निधन सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह एक अत्यन्त कुशल प्रशासक थे। उन्होंने गरीबों व वंचितों के उत्थान के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सेवाओं को सदैव याद रखा जाएगा। उनके निधन से भारतीय राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है। राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना करते हुए कल्याण सिंह के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। वहीं, प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा, विगत दो माह से कल्याण सिंह बीमार चल रहे थे, उनका इलाज चल रहा था। शनिवार रात 9 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। कल्याण सिंह के निधन से हम सब दुखी है।

 उत्तर प्रदेश के अंदर मुख्यमंत्री के रूप में, एक जननेता के रूप में उन्होंने शासन में स्वच्छता, मूल्य और आर्दशों के प्रति अपने कार्यकाल के दौरान उदाहरण प्रस्तुत किए थे। कहा कि कल्याण सिंह जी की सेवाओं को सदैव याद रखा जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता थे। सीएम योगी ने कहा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्णण कार्य आगे बढ़े इसके लिए उन्हें सत्ता छोड़ने में भी कोई संकोच नहीं हुआ। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिरने के बाद सत्ता छोड़ने और इस बात की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने तत्कार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना करते हुए कल्याण सिंह के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
 

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