ऑक्सीजन व्यवस्था में आत्म-निर्भर बनेगा मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री चौहान 

भोपाल 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश के 10 अस्पतालों में नव स्थापित ऑक्सीजन संयंत्रों का वर्चुअली लोकार्पण किया। लगभग साढ़े 6 करोड़ रूपये की लागत वाले इन 10 ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 5500 एलपीएम (लीटर प्रति मिनिट) ऑक्सीजन उत्पादन की है। लोकार्पित हुए ये प्लांट सीहोर जिले में आष्टा और रेहटी, विदिशा जिले में विदिशा और सिरोंज, खरगोन जिले में खरगोन और बड़वाह, सागर जिले में खुरई के अलावा कटनी, टीकमगढ़ और नरसिंहपुर में स्थापित किये गये हैं। प्रदेश में मार्च 2020 की स्थिति में किसी भी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं था। प्रदेश में 190 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। इनमें से अभी तक 68 प्लांट्स स्थापित और 65 प्लांट्स क्रियाशील किये जा चुके हैं। सितम्बर माह तक शेष सभी प्लांट्स क्रियाशील हो जायेंगे।

कोविड के दौर में समझा ऑक्सीजन का महत्व
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता प्राप्त करने के प्रयास जीवन की सौगात की तरह हैं। कोविड के दौर में हम ऑक्सीजन का महत्व समझ चुके हैं। दूसरी लहर में ऑक्सीजन का मतलब था जिंदगी और ऑक्सीजन मिलने में देर होने का मतलब था जीवनलीला की समाप्ति। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्तमान के साथ भविष्य का आकलन भी करते हैं। उनके प्रयासों से मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों को समय पर ऑक्सीजन मिली, जिसके फलस्वरूप अनमोल जिंदगियों को बचाया जा सका। ऑक्सीजन में मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने का कार्य जारी है। टेंकरों की व्यवस्था करना बहुत बड़ी समस्या थी। प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से यह संभव हो सका।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर के प्रति सजग और तैयार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड के संक्रमण की तीसरी लहर नहीं आए, उसके लिए हम सब कटिबद्ध हैं। यदि तीसरी लहर आ भी जाये तो उसके लिए हम पूरी तरह से सजग और तैयार हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम वह समय कभी भूल नहीं सकेंगे। न हम सोये, न आप सोये। प्रदेश में ऑक्सीजन की तत्काल व्यवस्था के लिये उड़ीसा, छत्तीसगढ़, गुजरात और उत्तरप्रदेश से ऑक्सीजन बुलवाई गई। इसमें मंत्री, सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधियों सहित सभी ने पूर्ण सहयोग दिया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पीएम केयर फंड से 88, मुख्यमंत्री राहत कोष से 13, कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलटी और स्थानीय प्रयासों से 89 संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं। इन सभी संयंत्रों से कुल 221 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा। उत्पादित ऑक्सीजन चिकित्सालयों में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स से सीधे मरीजों तक उपलब्ध कराई जा सकेगी।

सभी जिलों में सीटी स्केन व्यवस्था होगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह भी तय कर लिया है कि अक्टूबर माह तक सभी जिलों में सीटी स्केन की व्यवस्था उपलब्ध होगी। प्रदेश के 30 जिलों में 32 स्लाइस की सीटी स्केन मशीन लगाने के लिए कार्य पूर्णत: की ओर है। इसके साथ ही स्वास्थ विभाग के अंतर्गत शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में 784 आई.सी.यू. बेड्स क्रियाशील किये गये हैं। सितम्बर माह तक 650 अतिरिक्त आई.सी.यू बेड क्रियाशील होंगे। इन संस्थाओं में 11 हजार 156 ऑक्सीजन बेड्स कियाशील किये गये हैं। सितम्बर माह तक इनकी कुल संख्या 14 हजार 255 हो जायेगी। कोविड-19 परिदृश्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में 2993 आई.सी.यू बेड्स थे। इनकी संख्या सितम्बर तक अतिरिक्त 445 बेड्स मिलाकर 3438 हो जायेगी। कोविड-19 की तीसरी लहर में शिशुओं के संक्रमित होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध 200 पीडिऐट्रिक आईसीयू बेड्स के अतिरिक्त 350 नए पीडिऐट्रिक आईसीयू बेड्स का प्रबंध हो रहा है। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग की संस्थाओं में भी बच्चों के उपचार के लिए 320 नए पीडिऐट्रिक आईसीयू बेड्स और 992 नए पीडिऐट्रिक ऑक्सीजन बेड्स की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चिकित्सक, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो गई है। रेडियो ग्राफर, लेब टेक्निशियन और ऑप्थाल्मिक टेक्निशियन के 429 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो गई है। ऑक्सीजन संयंत्रों के वर्चुअली लोकार्पण के अवसर पर सांसद वी.डी. शर्मा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, चिकित्सा शिक्षा एवं गैस त्रासदी मंत्री विश्वास सारंग एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी उपस्थित थे। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, सांसद और विधायकगण प्रदेश के विभिन्न स्थानों से लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here