नई दिल्ली,
उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बी एल संतोष और राज्य के केंद्रीय चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के अलावा उत्तराखंड के कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद हैं।
The procedure for government formation is underway…the BJP central leadership will take a decision (on CM face): Uttarakhand's acting CM Pushkar Singh Dhami, at Uttarakhand Bhawan in Delhi pic.twitter.com/HBBf71bpv6
— ANI (@ANI) March 20, 2022
सूत्रों ने बताया कि भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले हो रही इस बैठक में विधायक दल के नेता के नाम पर चर्चा की जा रही है। ज्ञात हो कि उत्तराखंड में भाजपा ने शानदार बहुमत तो हासिल कर लिया लेकिन मुख्यमंत्री धामी को खटीमा से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इसे लेकर भाजपा में मंथन का दौर लगातार जारी है।
हार के बावजूद धामी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। शाह के आवास पर जारी बैठक में धामी की मौजूदगी भी इसका संकेत करती है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं। भाजपा विधायक दल की प्रस्तावित बैठक के लिए भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी को सह पर्यवेक्षक बनाया है।
भाजपा की उत्तराखंड इकाई के सूत्रों ने कहा कि धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं, बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करने की एक और बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “अगर उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी सीट गंवाने वाले केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है तो धामी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता है?” हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अगर पार्टी किसी नए चेहरे का चयन करने का फैसला लेती है तो क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाना काफी अहम होगा।