इंदौर देश का पहला शहर जिसे मिला Water Plus का तमगा

इंदौर
 मध्यप्रदेश के इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ एक और नई पहचान मिलेगी। Indore देश मे पहला शहर होगा जिसे अब Water Plus का तमगा भी मिलेगा। दरअसल सबकुछ ठीक रहा तो इंदौर Water Plus Certificate पाने वाला देश का पहला शहर बन सकता है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में सबसे कठिन माने जाने वाले Water Plus Survey के लिए केंद्रीय टीम इंदाैर पहुंच चुकी है।

देश में इंदौर ने फिर इतिहास रचा है। सबसे पहले वाटर प्लस का तमगा हासिल किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण के मापदंडों पर Indore एक बार फिर खरा उतरा है। इस बार वाटर प्लस का तमगा हासिल कर सेवन स्टार रेटिंग की तरफ इंदौर ने कदम बढ़ा दिया है। देश का इंदौर इकलौता पहला शहर है, जिसे वाटर प्लस का मुकाम हासिल किया है। इसका श्रेय कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish singh) व निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को जाता है। इनका साथ एडिशनल कमिश्नर संदीप सोनी ने हर मोर्चे पर दिया।

टीम ने कम्युनिटी टॉयलेट पब्लिक टॉयलेट (CTPT) के साथ 11 पैरामीटर पर सर्वे शुरू किया है। सर्वे तीन-चार दिन जारी रहेगा। अधिकारियों ने सर्वे शुरू इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को कंट्रोल रूम बना दिया है। 11 पैरामीटर्स पर करीब 200 लोकेशन देखने के बाद यह तय होगा कि शहर को वाटर प्लस सर्टिफिकेट मिलेगा या नहीं।

सर्टिफिकेट मिला तो Seven Star का दावा पक्का

वाटर प्लस सर्टिफिकेट देश में किसी भी शहर को नहीं मिला है। इसके मिलने के बाद ही सेवन स्टार का दावा पक्का हो सकता है। देश में सूरत और अहमदाबाद के साथ नवी मुंबई भी वाटर प्लस के सर्वे के लिए इंदौर से मुकाबले में हैं। इंदौर ने इसी के लिए 300 करोड़ में नाला टैपिंग कर दोनों नदियों और 27 नालों को सीवर मुक्त किया है। शहर के पांच हजार से ज्यादा परिवारों ने 20 करोड़ खर्च कर नाले में सीधे गिरने वाले आउटफॉल को बंद कर घर खुदवाने के साथ ड्रेनेज लाइन में कनेक्शन लिया।

ये हैं 11 पैरामीटर

स्लम एरिया, रहवासी इलाके, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सार्वजनिक स्थान, ट्रांसपोर्ट हब, बड़ी कंस्ट्रक्शन साइट, औद्योगिक इकाइयां, सड़कें और गलियां, जल स्रोत, डिकेंटिंग-डिस्लजिंग गाड़ियां, रिसाइकिलिंग और रीयूज पॉइंट।

पिछली बार इंदौर के 200 नंबर कट गए थे, जिसके कारण वाटर प्लस सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया था। सेंट्रल मिनिस्ट्री ने वाटर प्लस सर्वे के लिए 11 पैरामीटर तय किए हैं। इसके कुल 1800 नंबर हैं। इनमें Water Plus के 700 नंबर हैं। पिछली बार इंदौर को 500 नंबर मिले थे।

बारिश सबसे बड़ी चुनौती

इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती बारिश के मौसम में होगी बारिश के सीजन से पहले इंदौर के लिए बड़ी बड़ी चुनौती है ट्रेन में पानी ज्यादा देर जमाना रहे वहीं नदी और नालों में कचरा नजर आने से इसे क्षति पहुंच सकती है। जिसके लिए 19 जोन पर 3 स्तर पर व्यवस्था करवाई जाएगी। पहली लेयर में काम करने वाले निगमकर्मी हैं, दूसरी में सीएसआई-दरोगा और तीसरी में नियंत्रणकर्ता अधिकारी हैं। पूरी टीम सुबह 6 से मैदान संभाल रही है और रात 12 बजे तक व्यवस्थाओं पर नजर रखी जा रही है।

बिंदुओं की सख्त गाइडलाइन का पालन जरूरी

  •     सभी घर ड्रेनेज लाइन या सेप्टिक टैंक से कनेक्टेड होने चाहिए। किसी भी घर का सीवरेज खुले में नहीं आना चाहिए।
  •     नालों और नदी में किसी प्रकार का सूखा कचरा तैरता नजर नहीं आना चाहिए।
  •     सभी ड्रेनेज के ढक्कन बंद होने चाहिए और उनसे गंदा पानी बहकर सड़क पर नहीं आना चाहिए।
  •     चैंबर और मेन होल साल में कम से कम एक बार साफ होने चाहिए।
  •     सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर कम से कम 25 प्रतिशत पानी सड़क धुलाई, गार्डन, खेती सहित अन्य में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  •     ड्रेनेज की लाइनें चोक नहीं होनी चाहिए।
  •     एप पर आने वाली ड्रेनेज संबंधी शिकायतों का त्वरित समाधान होना चाहिए।

 

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