संपादकीय | आरी तुतारी : भारत की बेटी विनेश फोगाट का संन्यास लिया बहुत ही दुःख है . जहाँ आज भी अधिकतर गांव, क्षेत्रों में यहाँ तक की शहरों में भी कई लड़कियों के ख़्वाबों को, उनके सपनो को दफ़न कर दिया जाता है वहाँ ऐसे भी कई परिवार हैं.
जो आज भी बेटियों के सपनों के साथ जीते हैं. विनेश फोगाट का संघर्ष करके वहां तक पहुंची जो आसान नहीं है.
देशवासी को गौरवान्वित करने के लिए जूझी
आरी तुतारी : जिस तरह से यह बेटी एक सपने को हक़ीक़त में बदलने के लिए, हर देशवासी को गौरवान्वित करने के लिए जूझी, आगे बड़ी , हम सभी को उस पर गर्व है. साथ के साथ उसके परिवार का भी दिल से धन्यवाद जिन्होंने उसे हर कठिन परिस्थिति का बेहद ईमानदारी के साथ मुकाबला करना सिखाया और उसके साथ खड़े रहे .
आज के समय मे भी जब हम अपने आस पास के क्षेत्रों में नज़र दौड़ाते हैं तो पाते हैं कि आज भी, खेल और शिक्षा, एक व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.
खेलों से भी बच्चों के भविष्य को उज्वल बनाया जा सकता
आरी तुतारी : इन दोनों क्षेत्रों में सरकार की उदासीनता, देश के भविष्य के लिए एक बड़ी चुनौती है. कई क्षेत्रों तक खेल के मैदानों का विस्तार नहीं हुआ और खेलों से भी बच्चों के भविष्य को उज्वल बनाया जा सकता है, इस पर भी आज तक किसी भी सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया.
खेलों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी किसी भी सरकार को कोई खास मतलब नहीं रहा. बदलते समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की जरूरत है .
आज के समय में, शिक्षा प्रणाली को तकनीकी बदलावों के अनुरूप ढालना आवश्यक है.डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.
आरी तुतारी : खेल और शिक्षा, देश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
खेल और शिक्षा, देश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. इन दोनों क्षेत्रों में सरकार को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. हमें मिलकर प्रयास करके इन मुद्दों का समाधान ढूंढना होगा.
आज के समय में डिग्री हासिल करना तो आसान हो गया है, लेकिन उस डिग्री का वास्तविक जीवन में कितना उपयोग होगा, इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया जाता.
आरी तुतारी : परीक्षाओं का बढ़ता दबाव, प्रतिस्पर्धा और घोटालों की खबरें पढ़ाई पर भी बुरा असर
परीक्षाओं का बढ़ता दबाव, प्रतिस्पर्धा और घोटालों की खबरें छात्रों को मानसिक रूप से बीमार कर रही हैं. इससे उनकी पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है.
सरकारी नौकरियों में घोटालों की खबरें लगातार आने से छात्रों में निराशा और मानसिक दबाव बढ़ रहा है. वे मेहनत से पढ़ाई करने के बावजूद भी सफलता नहीं मिल पाने की चिंता करते हैं.
दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया. यह घटना न केवल बच्चों और उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ी त्रासदी है.
आरी तुतारी : छोटे शहरों और गांवों से बच्चे बड़े शहरों में बेहतर शिक्षा और करियर के लिए आते
छोटे शहरों और गांवों से आए बच्चे बड़े शहरों में बेहतर शिक्षा और करियर के लिए आते हैं. वे और उनके परिवार बहुत सारे संघर्ष करते हैं. ऐसे में जब इस तरह का हादसा होता है तो उनका सारा सपना चकनाचूर हो जाता है.
बच्चों के माता-पिता बहुत ही मुश्किल से अपनी मेहनत की कमाई से बच्चों को शहर में पढ़ने के लिए भेजते हैं.जब इस तरह का हादसा होता है तो वे मानसिक रूप से टूट जाते हैं.
शिक्षा व्यवस्था को इस तरह से बदला जाना चाहिए कि छात्रों में न केवल ज्ञान बल्कि व्यावहारिक कौशल भी विकसित हों. शिक्षा को रोजगार परक बनाना होगा ताकि छात्रों को रोजगार के अवसर आसानी से मिल सकें.
दुखद है कि आज़ादी के 77 साल पूरे होने पर भी आज भी, बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए अपने गांव, अपने क्षेत्र को छोड़कर बाहर आना पड़ता है.
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यह सोचनीय प्रश्न है कि कब सरकारें हमारे बच्चों के भविष्य को सोचते हुए अच्छी शिक्षा नीति , खेल के मैदानों के साथ , रोजगार से सम्बन्दित कोर्स पर काम करने में सक्षम हो पाएगी या फिर घोटाले करके सिर्फ अपने परिवार को सुरक्षित करने पर ही ध्यान केंद्रित करती रहेंगी ?
एक गंभीर समस्या है कि बड़े घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है.इससे लोगों में यह धारणा बन जाती है कि कानून सबके लिए बराबर नहीं है.
यह भी एक आम बात है कि सत्तासीन सरकारें अपनी नाकामियों के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराती हैं। इससे समस्या का समाधान नहीं होता है बल्कि राजनीतिक माहौल खराब होता है.
कई बार सरकारों में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव होता है कि वे बड़े घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई करें.कानूनी प्रक्रिया इतनी लंबी और जटिल होती है कि कई बार दोषी लोग सजा से बच जाते हैं.
कई बार सरकारें गठबंधन में होती हैं और सभी दल किसी एक मुद्दे पर एकमत नहीं होते हैं, जिससे निर्णय लेने में देरी होती है. भ्रष्टाचार इतना व्यापक हो गया है कि इसे पूरी तरह से खत्म करना आसान नहीं है.