प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का करेंगे लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले का दौरा  करेंगे और सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिससे 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और क्षेत्र के लगभग 29 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी।पीएमओ ने शुक्रवार को एक बयान में बताया प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से होकर गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लम्बी एवं करीब 9,800 करोड़ रुपए की लागत वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे।

1978 में हुई थी, लेकिन चार दशक तक रही अधूरी- PM

इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देरी हुई और लगभग चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी। पीएमओ ने कहा कि किसानों के कल्याण और उनके सशक्तीकरण के साथ ही राष्ट्रीय महत्व की लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की प्रतिबद्धता की वजह से प्रधानमंत्री ने इस परियोजना पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

4 दशक से अधूरी परियोजना, 4 साल में पूरा किया
पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था, इसे कभी पूरा नहीं किया गया और उनकी सरकार ने इसे पूरा करने के वास्ते कदम उठाये। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर 1978 में काम शुरू हुआ था लेकिन दशकों तक यह परियोजना कभी पूरी नहीं हुई। खर्च बढ़ गया और लोगों की परेशानी भी बढ़ गई। जो परियोजना चार दशक से अधूरी थी, उसे चार साल में पूरा किया गया है। पीएमओ ने बताया कि इसे साकार करने के लिए भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनों सहित अन्य समस्याओं का समाधान निकाला गया और इसी का परिणाम है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम चार वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया गया।

पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना को 9800 करोड़ रुपये में पूरा किया गया। इसमें से 4600 करोड़ रुपये का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया। इस परियोजना में पांच नदियों को भी जोड़ा गया है।
पूर्वांचल के 9 जिलों के 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा
घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना में देरी की वजह से क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ लेकिन अब इससे उन्हें लाभ मिलेगा। पीएमओ ने कहा कि अब क्षेत्र के किसान बड़े स्तर पर पैदावार कर सकेंगे और क्षेत्र की कृषि उत्पादक क्षमता का लाभ उठाएंगे।

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