छत्तीसगढ़ शासन जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए संकल्पित : मुख्यमंत्री साय

Tribal Pride Day
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रायपुर: Tribal Pride Day: धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के पावन अवसर पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज जगदलपुर के सिटी ग्राउंड में विभिन्न जनजातीय समाज के प्रमुखों द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया।

इस दौरान मुख्यमंत्री का पारंपरिक सिहाड़ी माला, पगड़ी (साफा) और एक विशाल गजमाला भेंट कर सम्मान किया गया, जिसने पूरे आयोजन में सांस्कृतिक उल्लास भर दिया।

Tribal Pride Day: छत्तीसगढ़ शासन जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए पूरी तरह संकल्पित

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सिटी ग्राउंड, जगदलपुर में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी और भगवान बिरसा मुंडा के छायाचित्र सहित जनजातीय देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए पूरी तरह संकल्पित है।

मुख्यमंत्री ने जनजातीय उत्थान और सम्मान के लिए उठाए गए ऐतिहासिक राष्ट्रीय कदमों का स्मरण करते हुए कहा कि जनजातीय कल्याण की दिशा में तीन बड़े मील के पत्थर रखे गए हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के दूरदर्शी नेतृत्व को याद किया, जिनके कार्यकाल में ही आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्यों का गठन किया गया।

Tribal Pride Day: मुख्यमंत्री ने इसे जनजातीय पहचान को सम्मान देने और उनके त्वरित विकास की दिशा में युगांतरकारी निर्णय बताया। इसके अतिरिक्त, वाजपेयी जी ने ही जनजातीय हितों की रक्षा और विकास हेतु एक अलग ‘जनजातीय कार्य मंत्रालय’ का गठन किया।

मुख्यमंत्री साय ने देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ घोषित कर पूरे राष्ट्र में जनजातीय नायकों के सम्मान की एक ऐतिहासिक परंपरा स्थापित की।

Tribal Pride Day
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Tribal Pride Day: मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आदिवासी समुदाय के ‘धरती आबा’ के नाम से पूजनीय बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और स्थानीय शोषकों के खिलाफ एक अभूतपूर्व क्रांति का सूत्रपात किया था, जिसे इतिहास में ‘उलगुलान’ के नाम से जाना जाता है।

उल्लेखनीय है कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। बहुत कम उम्र में ही उन्होंने अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों के पारंपरिक ‘खुंटकट्टी’ (सामुदायिक स्वामित्व) भूमि अधिकारों को छीनने और अत्यधिक लगान थोपने का विरोध प्रारंभ कर दिया था। बिरसा एक महान समाज सुधारक भी थे। उनके प्रयासों से जनजातीय समाज में एकता, स्वाभिमान और आत्म-सम्मान की अद्भुत चेतना जागृत हुई।

Tribal Pride Day: भारत सरकार ने उनके राष्ट्र एवं समाज को दिए योगदान को सम्मानित करते हुए उनके जन्मदिन 15 नवंबर को प्रतिवर्ष ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। यह दिन स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के अमूल्य बलिदान को स्मरण करने का अवसर है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार इसी संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ जनजातीय समुदाय के उत्थान की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।

कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप ने जनजातीय समुदाय के पूर्वजों के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और सामाजिक सुधारों से प्रेरणा लेने का आव्हान युवाओं एवं भावी पीढ़ी से किया। उन्होंने कहा कि इन महापुरुषों के आदर्शों पर चलकर जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और सतत संवर्धन को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

Tribal Pride Day: कार्यक्रम में जगदलपुर के विधायक किरण देव ने बस्तर अंचल के जनजातीय समुदाय के क्रांतिकारी जननायक शहीद गुंडाधुर, डेबरीधुर, गेंदसिंह आदि के संघर्षों एवं योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि इन महापुरुषों ने आजादी की लड़ाई और बस्तर के जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए अद्भुत त्याग किया।

उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में जनजातीय समुदाय की एकजुटता और उत्थान के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहे। कार्यक्रम को जगदलपुर विधायक किरण देव तथा जनजातीय गौरव समाज के संभागीय अध्यक्ष तुलूराम कश्यप ने भी संबोधित किया।

Tribal Pride Day: इस अवसर पर सांसद बस्तर महेश कश्यप, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जगदलपुर महापौर संजय पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत प्रतीक जैन सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के गणमान्यजन और नागरिक उपस्थित थे।

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