नयी दिल्ली, (भाषा) कबीर के अध्ययन पर सबसे प्रामाणिक और संपूर्ण रचना मानी जाने वाली ‘कबीर ग्रंथावली’ का संशोधित संस्करण चार जून को कबीर की 626वीं जयंती के मौके पर बाजार में आएगा।.
कबीर की रचनाओं की सदियों पुरानी हस्तलिखित प्रतियों के आधार पर श्यामसुंदर दास ने 1928 में पहली बार पुस्तक का संपादन किया था। इसके नये संस्करण का प्रकाशन राजकमल प्रकाशन ने किया है और भक्ति कविता के विशेषज्ञ पुरुषोत्तम अग्रवाल ने इसका संपादन किया है।
अग्रवाल ने नवीनतम संस्करण के बारे में कहा कि पुस्तक का पाठ वही है, वहीं पढ़ने में छूट गयीं बहुत सी त्रुटियों को ठीक कर लिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने कबीर पर क्रमबद्ध अध्ययन शुरू किया तो मेरा सामना ग्रंथावली के पाठ की समस्याओं से भी हुआ। मुझे हैरानी हुई कि किसी विद्वान ने इसमें संशोधन या सुधार पर ध्यान क्यों नहीं दिया। अंतत: मैंने खुद ये काम संभाला।’’
प्रकाशकों के अनुसार संशोधित संस्करण के प्रकाशन के बाद पाठकों को करीब एक शताब्दी बाद कबीर की प्रामाणिक रचनाएं उपलब्ध होंगी।
भाषा वैभव पवनेश