Republic Day 2022: 26 जनवरी 73वां गणतंत्र दिवस, आजादी मिलने के 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद लागू हुआ था संविधान

नई दिल्ली

देश आज 73 वां गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मना रहा है। मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली के राजपथ पर आयोजित हुआ। इस दौरान देश की आन-बान-शान की झांकी प्रदर्शित की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तिरंगा फहराने के बाद परेड की सलामी ली। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधताओं की खास झलक देखने को मिली।

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इस दौरान भारतीय वायुसेना के 75 विमानों का भव्य फ्लाई-पास्ट देखने को मिला। पहली बार भारतीय वायुसेना ने फ्लाई-पास्ट के दौरान कॉकपिट का वीडियो दिखाने के लिए दूरदर्शन के साथ समन्वय किया। राफेल, सुखोई, जगुआर, एमआई-17, सारंग, अपाचे और डकोटा जैसे पुराने और वर्तमान आधुनिक विमान फ्लाई-पास्ट में राहत, मेघना, एकलव्य, त्रिशूल, तिरंगा, विजय और अमृत सहित विभिन्न संयोजन (फॉर्मेशन) का प्रदर्शन किया। पहली बार परेड के दौरान राजपथ पर 75 मीटर लंबाई और 15 फुट ऊंचाई के 10 स्क्रॉल प्रदर्शित किए गए। दूरदर्शन 59 कैमरों की मदद से गणतंत्र दिवस परेड की हर गतिविधि का सीधा प्रसारण किया जा रहा है।

26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रि सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था

देश आज यानी 26 जनवरी को 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दिन भारत के प्रतिष्ठित संस्थान में तिरंगा फहराया जाता है। ऐसा ही जश्न दिल्ली में भी होता है और ये जश्न सबसे पहली बार 1950 में मनाया गया था। जब देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार तिरंगा फहराया था। आइये आज आपको बताते हैं कि देश में गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे का इतिहास क्या है-WhatsApp Image 2022 01 26 at 12.44.17 PM

साल 1950 में 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू किया गया था। स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था। 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। यानी आजादी मिलने के 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था। इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।FKAgCifaMAAlljJ

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26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है ?

भारत को कई बलिदान देने के बाद ही आजादी हासिल हुई थी। लेकिन देश को चलाने के लिए एक संरचना चाहिए होती है जो उस देश का संविधान और

कानून होता है। हमारे देश को संविधान के जरिए ही लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया था। 26 जनवरी 1930 को भारत में पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया था। दरअसल पहले आजादी का जश्न भी 15 अगस्त नहीं बल्कि 26 जनवरी को मनाया जाता था।

 

राजपथ पर गोधन की झांकी देखकर आज पूरा छत्तीसगढ़ गर्व का अनुभव कर रहा है

पंडित नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में एक प्रस्ताव पारित हुआ था। इसमें कहा गया था कि ब्रिटिश सरकार ने 26 जनवरी 1930 तक भारत को उपनिवेश का दर्जा नहीं दिया तो उसे पूर्ण रूप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस तारीख को ध्यान में रखते हुए 26 की तारीख को ही चुना गया था।

swarajya 2022 01 d05b4201 efb3 429c 821a e511987f6e6c IMG 20220124 WA0019 1सबसे पहली बार प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी ली थी और भारत को पूर्ण रूप से गणतंत्र घोषित कर दिया गया था। उस दिन के बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस समारोह पहले 24 जनवरी से शुरू होता था, लेकिन अब इस बदलकर 23 जनवरी कर दिया गया है क्योंकि इस दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती होती है। 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी होती है, जिसमें अलग-अलग प्रकार की धुन बजाई जाती हैं।

1947 तक 26 जनवरी को मनाया जाता था स्वतंत्रता दिवस

सन् 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का दर्जा दे। इस दिन भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया और 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।

संविधान को बनाने में लगे थे 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन

आजादी के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसंबर 1947 से शुरू कर दिया। डॉ० भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। डॉ. आंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया। इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर गणतंत्र राष्ट्र बना भारत

भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर एक गणतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर आया। उसके ठीक 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह पहला मौका था जब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले थे। उन्होंने पहली बार सेना की सलामी ली थी और पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। और इसी के साथ देश के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जुड़ गया।

 

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