बचेली l NMDC Bacheli : भूवैज्ञानिक पी. एन. बोस (प्रमथ नाथ बोस) की प्रतिमा का अनावरण एनएमडीसी बचेली के निक्षेप क्रमांक 5 में अधिशासी निदेशक बी. वेंकटेश्वरलु के करकमलों से संपन्न हुआ।
इस अवसर पर बचेली परियोजना के सभी विभागाध्यक्ष, श्रमिक संघों एसकेएमएस एवं एमएमडब्ल्यूयू के पदाधिकारीगण, विभिन्न अधिकारी व कर्मचारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
पी. एन. बोस ने सन 1899 से 1903 तक बैलाडीला (बस्तर) आयरन ओर निक्षेपों की खोज की
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NMDC Bacheli : ज्ञातव्य है कि पी. एन. बोस ने सन 1899 से 1903 तक बैलाडीला (बस्तर) क्षेत्र में कार्य किया एवं बैलाडीला आयरन ओर निक्षेपों की खोज की। बोस के इस अन्वेषण से ही बैलाडीला क्षेत्र में लगभग 14 लौह अयस्क निक्षेपों का पता चला। इसी के फलस्वरुप एनएमडीसी ने यहां उत्खनन का कार्य आरंभ किया एवं पिछले लगभग 60 वर्षों से निरंतर लौह अयस्क का उत्खनन एनएमडीसी द्वारा किया जा रहा है।
NMDC Bacheli : एनएमडीसी की ओर से प्रतिमा की स्थापना
पी. एन. बोस के महान अन्वेषण को सम्मान देने और उनके प्रति एनएमडीसी की ओर से कृतज्ञता व्यक्त करने के उद्देश्य से इस प्रतिमा की स्थापना की गई है।
NMDC Bacheli : भूविज्ञानी प्रमथ नाथ बोस के जीवन पर एक नज़र
प्रमथ नाथ बोस (12 मई 1855 – 1934) एक अग्रणी भारतीय भूविज्ञानी और जीवाश्म विज्ञानी थे । बोस की शिक्षा कृष्णानगर गवर्नमेंट कॉलेज और बाद में कलकत्ता विश्वविद्यालय के सेंट जेवियर्स कॉलेज में हुई , जब उन्हें 1874 में लंदन में अध्ययन करने के लिए गिलक्रिस्ट छात्रवृत्ति मिली। उन्होंने 1877 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और लंदन के रॉयल स्कूल ऑफ माइन्स में अध्ययन किया और जीव विज्ञान और जीवाश्म विज्ञान में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
NMDC Bacheli : कैम्ब्रिज में अध्ययन के दौरान वह रवींद्रनाथ टैगोर के मित्र बन गए । वह भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में ग्रेडेड अधिकारी के रूप में शामिल होने वाले शुरुआती भारतीयों में से एक थे। उनका प्रारंभिक कार्य शिवालिक जीवाश्मों पर था । उन्हें भारत में पहला साबुन कारखाना स्थापित करने का श्रेय दिया जाता हैं ।
NMDC Bacheli : 12 मई 1855 को पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के गोबरडांगा के पास गैपुर के एक सुदूर गांव में जन्मे भूविज्ञानी पीएन बोस ने लंदन विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और अगले वर्ष 1878 में रॉयल स्कूल ऑफ माइंस से उत्तीर्ण हुए। भूविज्ञानी के रूप में अपने वर्षों के दौरान, उन्होंने मध्य प्रदेश के धुल्ली और राजहरा में लौह अयस्क की खदानों की खोज की।
NMDC Bacheli : उनके जीवन की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि मयूरभंज राज्य के गोरुमहिसानी की पहाड़ियों में लौह अयस्क के भंडार की खोज थी । खोज के बाद, पीएन बोस ने 24 फरवरी 1904 को जेएन टाटा को एक पत्र लिखा, जिसके कारण साकची में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की स्थापना हुई।
NMDC Bacheli : असम में पेट्रोलियम की खोज और भारत में साबुन का कारखाना लगाने वाले करने वाले पहले व्यक्ति थे
बोस के नाम कई ऐसे काम हैं जो पहली बार किए गए। वे ब्रिटिश विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक करने वाले पहले भारतीय थे; असम में पेट्रोलियम की खोज करने वाले पहले व्यक्ति थे; भारत में साबुन का कारखाना लगाने वाले पहले व्यक्ति थे और पेट्रोलियम संबंधी काम में सहायता के लिए माइक्रो सेक्शन शुरू करने वाले भी पहले व्यक्ति थे।
NMDC Bacheli : भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में ग्रेडेड पद पाने वाले पहले भारतीय
NMDC Bacheli : वे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में ग्रेडेड पद पाने वाले पहले भारतीय भी थे, जहाँ उन्होंने सम्मान के साथ काम किया। एक वैज्ञानिक के रूप में, उन्होंने लगातार देश में तकनीकी शिक्षा का मुद्दा उठाया। उनके प्रयासों ने बंगाल तकनीकी संस्थान की नींव भी रखी, जिसे आज जादवपुर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है, जिसके बोस पहले मानद प्राचार्य थे।
प्रमथ नाथ ने 24 जुलाई 1882 को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और भारतीय सिविल सेवक, आर्थिक इतिहासकार और लेखक रोमेश चंद्र दत्त की बेटी कमला दत्त से शादी की।
उनके एक बेटे निर्देशक मधु बोस का विवाह अभिनेत्री-नर्तकी साधना सेन से हुआ था, जो बाद में साधना बोस ( केशव चंद्र सेन की पोती ) बनीं। प्रमथ नाथ बोस के एक पोते भारतीय फिल्म निर्माता अमित बोस हैं ।