नई दिल्लीः New Prime Minister of Nepal: नेपाल में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद देश के सामने बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया था। केपी शर्मा ओली समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच नेपाल में को नया अंतरिम प्रधानमंत्री मिल गया है। सुशीला कार्की देश की नई अंतरिम प्रधानमंत्री बनी हैं।
कार्की के नाम पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों और ‘Gen-Z प्रदर्शनकारी समूह के प्रतिनिधियों के बीच आम सहमति बनी थी। सुशीला कार्की 73 वर्ष की हैं नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं।
VIDEO | Kathmandu, Nepal: Former Chief Justice Sushila Karki is being sworn in as Nepal’s interim Prime Minister. Visuals from Shital Niwas.
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— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2025
New Prime Minister of Nepal: राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति कार्यालय में 73 वर्षीय कार्की को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर राष्ट्रपति पौडेल और नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के अलावा, उपराष्ट्रपति राम सहाय यादव और प्रधान न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह रावत भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि नई कार्यवाहक सरकार को छह महीने के भीतर नए संसदीय चुनाव कराने का दायित्व सौंपा गया है।
सुशीला कार्की के बारे में जानें
New Prime Minister of Nepal: सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के बिराटनगर में हुआ था। 1972 में बिराटनगर से उन्होंने स्नातक किया और 1975 में उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की। 1978 में कार्की ने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की।
1979 में उन्होंने बिराटनगर में वकालत की शुरुआत की और इसी दौरान 1985 में धरान के महेंद्र मल्टीपल कैंपस में वो सहायक अध्यापिका के रूप में भी कार्यरत रहीं। उनकी न्यायिक यात्रा का अहम पड़ाव 2009 में आया, जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अस्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
ऐसे बनी सुशीला कार्की की पहचान
New President of Nepal: 2010 में सुशीला कार्की स्थायी न्यायाधीश बनीं। 2016 में कुछ समय के लिए वो कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहीं और 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद संभाला। New Prime Minister of Nepal:
अप्रैल 2017 में उस समय की सरकार ने संसद में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव आने के बाद जांच पूरी होने तक उन्हें मुख्य न्यायाधीश के पद से निलंबित कर दिया गया।
New Prime Minister of Nepal: इस दौरान जनता ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता के समर्थन में आवाज उठाई और सुप्रीम कोर्ट ने संसद को आगे की कार्रवाई से रोक दिया। बढ़ते दबाव के बीच कुछ ही दिनों में संसद को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। इस घटना से सुशीला कार्की की पहचान एक ऐसी न्यायाधीश के रूप में बनी, जो सत्ता के दबाव में नहीं झुकीं।
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