Narayanpur : वार्षिक परीक्षा से पहले तनावमुक्त रहने विद्यार्थियों को दी गयी जानकारी

नारायणपुर, 

कोरोना महामारी के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रही| पर यह माध्यम अपने साथ कुछ चुनौतियां भी लेकर आया। कभी नेटवर्क की समस्या, तो कभी सही प्रकार से समझ नहीं आने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई से कुछ छात्रों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। वर्तमान में पुनः स्कूल खुल जाने से विद्यार्थी अब ऑफलाइन पढ़ाई कर सीधे तौर पर शिक्षकों से संवाद कर प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन ऐसा वार्षिक परीक्षा के ठीक पहले होने से तालमेल बिठाने में दिक्कत हो रही है परीक्षा के नजदीक आ जाने पर कुछ छात्रों में भविष्य की चिंता, डर व तनाव की स्थिति पैदा होने लगी है। विशेषज्ञों के अनुसार इन सब का बच्चों के मानसिक स्वास्थय पर प्रतिकूल असर हो सकता है। ऐसे में अचानक आए बदलावों से तनावमुक्त करने के लिये शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एडक़ा नारायणपुर के 80 से अधिक छात्र-छात्राओं के लिये जिला मानसिक स्वास्थ्य नारायणपुर की टीम के द्वारा एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया।

क्लीनिकल सायकोलॉजिस्ट प्रीति चाण्डक ने बताया, “विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई, परीक्षा व भविष्य को लेकर चिंता हो सकती है जो कि स्वाभाविक है। लेकिन यह चिंता उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित भी कर सकती है। ऐसे में शिक्षण संस्थान द्वारा, प्रभावित छात्रों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने, जीवन में आने वाली समस्याओं को हल करने तथा परीक्षा पूर्व होने वाले तनाव को कम करने हेतु स्किल ट्रेनिंग से लाइफ स्किल, प्रॉब्लम सॉल्विंग ,डिसीजन मेकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग व कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर करने विभिन्न गतिविधियों (एक्टिविटीज) के माध्यम से जानकारी दी गयी। साथ ही विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया।“

इन सभी मुद्दों पर प्रीति चांडक से हुई बातचीत के अंश

  • प्रश्न- कोविड-19 चलते कभी ऑफलाइन तो कभी ऑनलाइन पढ़ाई ,जिसके कारण कभी-कभी चिड़चिड़ापन और पढ़ाई के प्रति रुचि कम हो रही है। ऐसे में बच्चे किस तरह से अपना ख्याल रखें ?
    उत्तर- परिस्थितियां दो प्रकार की होती हैं, एक जो हमारे नियंत्रण में हो और एक जो हमारे नियंत्रण से बाहर हो | अभी जो कोविड-19 है वह हमारे नियंत्रण के बाहर की परिस्थिति है इसीलिए इससे हमें स्वीकार करना होगा । पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करनी चाहिए और एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखिए |
  • प्रश्न- युवाओं के मन में कई बार दुविधाएँ होती हैं कि दसवीं के बाद कौन सा सब्जेक्ट लें या 12वीं के बाद कौन से कॉलेज में एडमिशन ले।
    उत्तर- ऐसी परिस्थिति में प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को अप्रोच करना चाहिए| सबसे पहले प्रॉब्लम की पहचान करनी चाहिए फिर उस प्रॉब्लम के लिए समाधान के विकल्पों पर विचार करें| इसके बाद उनका मूल्यांकन कर यह देखे कि कौन सा विकल्प बेहतर है, सही है, कौन से विकल्प में कठिनाइयां ज्यादा है, कौन सा विकल्प ज्यादा फायदा दे सकता है|
  • प्रश्न- आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं
    उत्तर- विद्यार्थी के पास जितना अधिक ज्ञान होगा उतना ही ज्यादा उसका आत्मविश्वास ( कॉन्फिडेंस) बढ़ेगा। दर्पण के सामने देखकर बोलने का अभ्यास (प्रैक्टिस) कीजिए और एक बात हमेशा याद रखें कि खुद की किसी से कभी तुलना न कीजिए|
  • प्रश्न- कोविड टाइम में मोबाइल एडिक्शन बढ़ गया है | इसे कैसे कम करें और इसका गलत प्रभाव नींद पर पड़ा है उसे कैसे दूर करें?
    उत्तर- सबसे पहले खुद को सोशल पर्सनल और फैमिली एक्टिविटी में इंगेज कीजिए और नींद में हो रही दिक्कत के लिए स्लीप हाइजीन को अपनाना चाहिए|
    स्लीप हाइजीन का मतलब सोने के दिनचरिया बनाकर रखना, दिन में न सोना, सोने से दो घंटे पहले चाय या कॉफ़ी, या शराब जैसे मादक पदार्थ का सेवन न करना और बिस्तर पर जाने के बाद मोबाईल, टीवी या लैपटॉप का इस्तेमाल न करना है| इसके अतिरिक्त हलकी रौशनी (डिम लाइट) का कमरे में प्रयोग करना भी लाभदायक होता है|

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