मुंबई.
मुंबई के साकीनाका इलाके में एक 34 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार के बाद दरिंदगी का केस सामने आया है. पीटीआई न्यूज के अनुसार रेप के आरोपी ने पहले तो महिला के साथ बलात्कार किया और उसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रड डालकर उसे प्रताड़ित किया.
मुंबई पुलिस के अनुसार शुक्रवार सुबह उन्हें यह जानकारी मिली की खैरानी रोड पर एक व्यक्ति एक महिला को मार रहा है. पुलिस जब महिला की तलाश के लिए वहां पहुंची तो उन्हें महिला खून से लथपथ मिली. पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के कुछ ही घंटों के भीतर आरोपी मोहन चौहान (45) को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी से घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है प्रारंभिक जांच के अनुसार महिला के साथ बलात्कार किया गया और उसके निजी अंगों में लोहे की छड़ से हमला किया गया है. पुलिस ने बताया कि यह घटना सड़क किनारे खड़े एक टेंपो के अंदर हुई है. टेंपो के अंदर भी खून के निशान मिले हैं. डॉक्टरों के मुताबिक महिला की हालत गंभीर है.
आईपीसी की धारा 307 और 376 के तहत हुई गिरफ्तारी
आरोपी चौहान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 376 (बलात्कार) के तहत गिरफ्तार किया गया और आगे की जांच जारी है.
गैंगरेप की आयी याद और कितना हाथरस या निर्भया ?
देश में हो रहे बलात्कार कब रुकेगा कैसे वहसि दरिंदगी से लोग अनाचार कर उसे छुपाने के लिये हत्या का प्रयास करते है. आज सोशल मिडिया और सामाजिक व्यवस्था,न्याय प्रणाली भी जिम्मेदार है. ऐसे लोग जिनकी सोच कुछ समय के लिए या फिर पहले से सोचा समझा पालन होता है. फिर आज एक बेटी के साथ बलात्कार कर हत्या की कोशी दिल्ली में हुए गैंगरेप की याद दिलाता है,और कितना हाथरस या निर्भया ?
मुंबई के साकीनाका इलाके में जिस तरह की हैवानियत महिला के साथ की गयी है, वह वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए गैंगरेप की याद दिलाता है जिसमें एक छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया था और उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे के रड से हमला किया गया था. पीड़िता की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी. उसके दोषियों को फांसी की सजा दी गयी थी. जबकि एक दोषी जो नाबालिग था उसे तीन साल की सजा के बाद रिहा कर दिया गया था.
ये आंकड़े पुराने है. भारत में प्रतिदिन हत्या के 79 मामले
आंकड़ों के अनुसार 2019 में बलात्कार के कुल 32,033 केस दर्ज हुए जो साल भर के दौरान महिलाओं के विरुद्ध अपराध के कुल मामलों का 7.3 प्रतिशत था। नए सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2019 में भारत में प्रतिदिन हत्या के औसतन 79 मामले दर्ज किए गए। 2019 में हत्या के कुल 28,918 मामले दर्ज किए गए जो 2018 (29,017 मामलों) की अपेक्षा 0.3 प्रतिशत कम है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में इजाफा
रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में वृद्धि हुई है। साल 2019 में प्रतिदिन बलात्कार के औसतन 87 मामले दर्ज हुए और साल भर के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,05,861 मामले दर्ज हुए जो 2018 की तुलना में सात प्रतिशत अधिक हैं। रिपोर्ट के मुकाबिक पिछले साल रेप के सर्वाधिक मामले राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आए हैं। राजस्थान में रेप के करीब 6000 मामले और इसके बाद उत्तर प्रदेश में 3065 केस दर्ज हुए। दोनों ही राज्यों में यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि पाई गई है। उत्तर प्रदेश में बलात्कार की जितनी घटनाएं सामने आई हैं उनमें 18 प्रतिशत शिकार महिलाएं दलित समुदाय से हैं जबकि राजस्थान में यह प्रतिशत नौ है।
गत 10 सालों में रेप के 3,13,289 केस सामने आए
एनसीआरबी का डाटा कहता है कि पिछले 10 सालों में लड़की अथवा महिलाओं के खिलाफ अपराध में 44 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। आंकड़े के मुताबिक 2010 से 2019 के बीच देश भर में रेप के 3,13,289 केस सामने आए।