Maharashtra Politics: शिंदे एवं समर्थक नेताओं का दल गुवाहाटी में, सभी विधायक एवं सांसदों का फोन नॉट रिचेबल

महाराष्ट्र,

महाराष्ट्र की सियासत में महाभारत जारी है। कल बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव पर स्पष्ट किया कि यदि एकनाथ शिंदे आकर बोल दें तो मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि अपने ही लोगों (MLA) ने समर्थन नहीं किया। अगर मेरे खिलाफ एक भी वोट विरोध में जाता है तो मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं। इसके बाद सरकारी आवास ‘वर्षा’ को खाली कर दिया और मातोश्री में शिफ्ट हो गए। उनके इस कदम से यह साफ हो गया है कि अब सीएम पद पर अब नहीं बने रहना चाहते, क्योंकि संख्याबल भी उनके पक्ष में नहीं है। महाराष्ट्र की राजनीति में आज क्या होता है, यह जानने के लिए बने रहिए इंडिया ​टीवी डिजिटल के साथ।

गुवाहाटी का रैडिसन ब्लू होटल ​महाराष्ट्र के दिग्गजों का जमावड़ा

असम के गुवाहाटी में रैडिसन ब्लू होटल में एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र के कुल 42 विधायक मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें शिवसेना के 34 विधायक और 8 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। इसी बीच होटल में मौजूद महाराष्ट्र के बागी विधायकों ने पूर्व गृह राज्य मंत्री और शिवसेना नेता दीपक केसरकर से मुलाकात की।

शिंदे सीएम बने तो दोगुनी खुशी होगी: भरत गोगावले

एकनाथ शिंदे ने भरत गोगावाले को शिवसेना विधायक दल का चीफ व्हिप नियुक्त कर दिया है। भरत गोगावले ने दावा किया है कि हमारे पास लगभग 50 का आंकड़ा है, 42 शिवसेना के विधायक हैं तो 7-8 निर्दलीय विधायक हमारे पास हैं। हम एनसीपी-कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी बीजेपी से बातचीत चल रही है। सारा अधिकार और हक हम लोगों ने एकनाथ शिंदे साहब को दे रखा है, वे जो करेंगे अच्छा करेंगे। शिंदे को सीएम बनाने के सवाल पर भरत बोले- ‘हमारा आदमी मुख्यमंत्री बने तो खुशी होगी। शिंदे साहब अगर सीएम बनना चाहते हैं तो हमें दोगुनी खुशी होगी। किसी न किसी से अलाएंस तो करना पड़ेगा सरकार बनाने के लिए। हमारा साथ-बीजेपी को होगा।

इस समय 42 विधायक गुवाहाटी में

महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट संख्या बल के आधार पर परिवर्तित हो गया है। उद्धव के पास अब बहुत कम विधायक बचे हैं। संख्या के आंकड़ों से स्थिति​ का अंदाजा लगाया जा सकता है। दरअसल, इस समय 42 विधायक गुवाहाटी में हैं। इनमें 38 शिवसेना से, 3 निर्दलीय और 1 प्रहार जनशक्ति पार्टी का विधायक शामिल हैं l

13 विधायक छोड़कर बाकी सभी शिंदे गुट में आ जाएंगे’

महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के बीच एकनाथ शिंदे गुट का मानना है कि पार्टी के 13 विधायकों को छोड़कर बाकी सभी शिवसेना विधायक देर-सबेर इधर आ जाएंगे।

शिवसेना के 10 सांसद एकनाथ शिंदे के संपर्क में

शिंदे गुट के विधायकों की संख्या गुवाहाटी में बढ़ रही है। वहीं शिवसेना के 10 सांसद भी शिंदे के सीधे संपर्क में है। उनके बेटे श्रीकांत शिंदे शिवसेना के ठाणे से सांसद हैं। महाविकास आघाडी बनने के बाद शिवसेना सांसदों ने अघाड़ी के साथ गठबंधन पर सवाल उठाए थे। अभी जानकारी के मुताबि​क करीब 10 सांसद एकनाथ शिंदे के सम्पर्क में है।

कई शिवसेना विधायकों का फोन नॉट रिचेबल

संजय राठौड़ दिगरस से विधायक हैं शिवसेना के और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी हैं, वे इस वक्त सूरत में कुछ अन्य विधायकों का इंतज़ार कर रहे हैं। वहीं कृषि मंत्री दादा भूसे,चांदिवली के शिवसेना विधायक दिलीप लांडे, यवतमाल के शिवसेना विधायक संजय राठौड़ भी संपर्क में नहीं हैं। उनका फोन नॉट रिचेबल आ रहा है। संजय राठौड़, एकनाथ शिंदे की तरफ से शिवसेना के विधायकों को ले जाने की मिडिएटर की भूमिका निभा रहे हैं।

शिवसेना के 4 और विधायक गुवाहाटी पहुंचे

माहिम से शिवसेना विधायक सदा सर्वनकर, क़ुर्ला से शिवसेना विधायक मंगेश कुंडालकर, सिंधुदुर्ग से शिवसेना विधायक दीपक केसरकर और आशीष जैसवाल जो कि नागपुर के शिवसेना विधायक हैं। ये चारों विधायक गुवाहाटी पहुंच चुके हैं। ये चारों सुबह ही सूरत से फ्लाइट से रवाना हुए थे।

अघाड़ी सरकार में कमजोर हुई शिवसेना: शिंदे

शिवसेना से बगावत कर गुवाहाटी में 45 विधायकों के साथ डेरा डाले एकनाथ शिंदे ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना काफी कमज़ोर हुई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के हित में अभी फैसला लेने का वक्त है। शिंदे ने ट्विटर पर कहा कि पिछले 2.5 सालों में महाविकास अघाड़ी सरकार ने बाकी की पार्टियों को फायदा पहुंचाया है।

महाविकास अघाड़ी से निकलें ठाकरे: शिंदे

शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे गुवाहाटी में अपने समर्थकों के साथ हैं। उन्होंने हिंदुत्व विचारधारा से हटने का आरोप ठाकरे पर लगाया। उन्होंने ठाकरे के सामने शर्त रखते हुए कहा कि पार्टी और शिवसैनिकों के सर्वाइवल के लिए सबसे पहले महाविकास अघाड़ी (MVA) से निकलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी से बाहर निकलें। वह शरद पवार और कांग्रेस का साथ छोड़ें।

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