Kisan Mahapanchayat : किसान आंदोलन में किसानों की भीड़ देखकर भाजपा सांसद वरुण गांधी हैरान… किया ट्वीट.. जाने क्या है पूरा माजरा….

मुजफ्फरनगर.
केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को यानी आज विभिन्न राज्यों के किसान मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में होने वाली किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में जमा हुए हैं. यहां की भीड़ देखकर हर कोई हैरान है. यहां तक भी पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी की भी इसपर प्रतिक्रिया आ गई है. किसानों की भीड़ देखकर वरुण गांधी ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मुजफ्फरनगर में आज लाखों किसान धरना प्रदर्शन में जुटे हैं. वे हमारे ही लोग हैं. हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से पेश आने की जरूरत है. आगे उन्होंने लिखा कि किसानों के दर्द, उनके दृष्टिकोण को समझें और उनके साथ जमीनी लोगों से जुड़ें.

आपको बता दें कि अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए किसानों के इस प्रदर्शन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ‘किसान महापंचायत’ का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किया जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों में फैले 300 किसान संगठनों के किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं, जहां 5,000 से अधिक लंगर (भोजन स्टाल) लगाए गए हैं.

शनिवार शाम से ही संगठनों के झंडे और अलग-अलग रंग की टोपी पहने किसान बसों, कारों और ट्रैक्टरों के जरिए यहां पहुंचते देखे गए. आयोजन स्थल के आसपास कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं. जीआईसी कॉलेज के मैदान तक पहुंचने में असमर्थ लोगों को कार्यक्रम देखने की सुविधा प्रदान करने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई हैं.

मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने आयोजन स्थल और महापंचायत के प्रतिभागियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने के राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अनुरोध को खारिज कर दिया है. जिला प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक उमेश मलिक के आवासों पर पुलिस तैनात कर दी है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को दावा किया था कि रविवार की ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए 15 राज्यों के किसान मुजफ्फरनगर पहुंचने लगे हैं.

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 किसान संघों के समूह ने कहा कि ‘महापंचायत’ यह साबित करेगी कि आंदोलन को समाज के ‘सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है .

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