New Delhi: ISRO space experiment:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। ISRO ने कम गुरुत्वाकर्षण (microgravity) के माहौल में लोबिया (cowpea) के बीजों को अंकुरित कर लिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जल्द ही इन बीजों से पत्तियां भी निकलेंगी। यह सफलता अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि का अध्ययन करने और भविष्य के लंबे स्पेस मिशनों (long space missions) में फसल उत्पादन (crop growth in space) को लेकर अनुसंधान के लिए बेहद अहम है।
ISRO space experiment: 30 दिसंबर को PSLV-C60 के साथ भेजे गए थे बीज
ISRO ने इस उपलब्धि की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) के जरिए साझा की। ISRO ने लिखा, “स्पेस में जीवन का आरंभ! VSSC का CROPS (Compact Research Module for Orbital Plant Studies) प्रयोग PSLV-C60 के POEM-4 पर सफलतापूर्वक हुआ। चार दिन में लोबिया के बीज अंकुरित हुए, और जल्द ही पत्तियां निकलने की उम्मीद है।”
Life sprouts in space! 🌱 VSSC's CROPS (Compact Research Module for Orbital Plant Studies) experiment onboard PSLV-C60 POEM-4 successfully sprouted cowpea seeds in 4 days. Leaves expected soon. #ISRO #BiologyInSpace pic.twitter.com/QG7LU7LcRR
— ISRO (@isro) January 4, 2025
ये बीज 30 दिसंबर को PSLV-C60 रॉकेट से स्पेस एक्स (SpaceX) मिशन के तहत भेजे गए थे। चार दिनों के भीतर बीज अंकुरित होने की इस उपलब्धि को अंतरिक्ष जीवविज्ञान अनुसंधान (space biology research) में भारत का मील का पत्थर माना जा रहा है।
ISRO space experiment: CROPS प्रयोग: भविष्य की अंतरिक्ष खेती की नींव
इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) द्वारा विकसित ‘कंपैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज’ (CROPS) ने माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि का अध्ययन करने का एक नया आयाम दिया है। POEM-4 प्लेटफॉर्म पर किए गए इस प्रयोग में केवल 4 दिनों में लोबिया के बीजों को नियंत्रित वातावरण (controlled environment) में अंकुरित किया गया।
इस प्रयोग का उद्देश्य यह समझना है कि अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि (plant growth in space) कैसे होती है, और इस ज्ञान का उपयोग लंबी अंतरिक्ष यात्राओं (long-term space missions) में फसल उत्पादन (space crop production) के लिए किया जा सके।
ISRO space experiment: 8 बीजों के अंकुरण ने बढ़ाया आत्मविश्वास
CROPS प्रयोग में 8 लोबिया के बीजों को एक नियंत्रित थर्मल वातावरण में अंकुरित किया गया। इस दौरान उन स्थितियों का अनुकरण किया गया जो पौधे अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अनुभव कर सकते हैं। इस प्रयोग से स्पष्ट होता है कि भारत अब अंतरिक्ष में फसल उगाने की दिशा में भी एक अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
ISRO space experiment: भारत की अंतरिक्ष जीवविज्ञान में बड़ी उपलब्धि
अंतरिक्ष में पौधे उगाने की यह उपलब्धि न केवल अंतरिक्ष विज्ञान (space science) में भारत के बढ़ते कदमों को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में चंद्रमा और मंगल जैसे दीर्घकालिक मिशनों (lunar and Mars missions) में आत्मनिर्भर खेती (self-sustaining farming) के सपने को भी साकार कर सकती है।