गाजा पर नए साल में इजरायली हमले: संघर्ष में बढ़ती तबाही

New Delhi: Israel Palestine Conflict: गाजा पट्टी में इजरायल ने नए साल के मौके पर भी हमलों को जारी रखा, जिसमें कम से कम 12 फलस्तीनी मारे गए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। ये हमले उत्तरी गाजा के जबालिया, बुरीज शरणार्थी शिविर, और दक्षिणी शहर खान यूनिस में हुए। इनमें सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।


Israel Palestine Conflict: तीन बड़े हमलों में बढ़ी तबाही

  1. जबालिया में हमला:
    उत्तरी गाजा के जबालिया क्षेत्र में एक घर पर हुए हमले में सात लोगों की मौत हुई, जिनमें एक महिला और चार बच्चे शामिल थे।
  2. बुरीज शरणार्थी शिविर पर बमबारी:
    मध्य गाजा के बुरीज शिविर में रात को हुए हमले में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई।
  3. खान यूनिस में हमला:
    दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में बुधवार तड़के हुए हमले में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई।

Israel Palestine Conflict: युद्ध की पृष्ठभूमि

यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ जब हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और करीब 250 लोगों को अगवा किया गया। इस हमले के बाद, इजरायल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले शुरू किए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 45,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।


Israel Palestine Conflict: इजरायली सेना का बयान

इजरायली सेना ने कहा है कि उनके हमले केवल आतंकियों को निशाना बना रहे हैं। सेना ने आरोप लगाया है कि हमास रिहायशी इलाकों से हमले करता है, जिससे आम नागरिकों की जान जाती है। सेना का दावा है कि अब तक उन्होंने 17,000 आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन इस दावे का कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है।


Israel Palestine Conflict: क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय समुदाय?

गाजा में हो रही भारी तबाही पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की है। बच्चों और महिलाओं की मौतों ने मानवाधिकार संगठनों का ध्यान आकर्षित किया है। हालांकि, इस जंग को खत्म करने के लिए अभी तक कोई ठोस प्रयास सामने नहीं आए हैं।

गाजा और इजरायल के बीच यह संघर्ष इंसानियत पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जहां एक तरफ आम नागरिकों की मौतों का सिलसिला जारी है, वहीं शांति के लिए प्रयासों की कमी साफ नजर आती है। इस लड़ाई का अंत कब होगा, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।


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