Income Tax RAID : 70 किलो गोल्ड और 25 करोड़ कैस सीज, 600 करोड़ के फर्जी लेन-देन और 100 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ाई

  • कानपुर । Income Tax Raid : 25 करोड़ कैश और 70 किलो सोना सीज, 600 करोड़ के फर्जी लेन-देन और 100 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ाई

कानपुर में बुलियन, ज्वेलरी और रियल एस्टेट कारोबारियों के प्रतिष्ठानों में चार दिन से चल रही आयकर विभाग की छापेमारी मंगलवार को खत्म हो गई। Income Tax के 300 अफसरों ने 95 घंटे की रेड में 600 करोड़ के फर्जी लेन-देन पकड़े। ज्वैलर्स के ठिकानों पर रेड के दौरान 25 करोड़ रुपए की नकदी और करीब 70 किलो सोना-चांदी सीज किया है। इसकी तस्वीरें भी सामने आईं हैं।

रअसल, अधिकारियों ने सोमवार सुबह तक 16 करोड़ का कैश जब्त किया था। उन्हें बिरहाना रोड पर एक बंद दुकान में बड़े पैमाने पर कैश होने की जानकारी मिली। टीम सोमवार शाम को वहां पहुंची, यहां शटर खुलवाकर जब जांच की गई, तो कपड़े के एक गट्ठर में 9 करोड़ कैश मिला था। इसी तरह मंगलवार सुबह तक करीब 25 करोड़ कैश टीम जब्त कर चुकी है। आईटी अफसर का दावा है कि वढ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए सबसे बड़ी कार्रवाई है।

कळ सूत्रों के मुताबिक, टीम ने 50 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए हैं। साथ ही, 100 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी गई है। कारोबारियों के सफेदपोश साथियों के बारे में भी पता चला है। उनमें से कुछ कारोबारियों को बुलाकर पूछताछ भी की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कानपुर में कुल 17 ठिकानों पर छापामारी हुई, जबकि देश में 55 से ज्यादा प्रतिष्ठान पर कळ टीमों ने कार्रवाई की है।
कानपुर में कैलाश नाथ अग्रवाल की राधा मोहन पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड और अमरनाथ अग्रवाल की राधा मोहन पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स का सालाना टर्न ओवर 1700 करोड़ रुपए का है। आयकर अधिकारी इसी लेनदेन में टैक्स चोरी की जांच कर रहे थे। इसके तार एमराल्ड के प्रमोटर संजीव झुनझुनवाला, चांदी कारोबारी मुन्ना जखोदिया और सौरभ वाजपेयी से जुड़े। इसलिए आयकर विभाग ने सभी के प्रतिष्ठानों में एक साथ छापा मारा।
आयकर अधिकारियों को कर चोरी की कड़ी से कड़ी मिलती गई। इस रेड में करीब 100 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो बताते हैं कि कारोबारी काला धन बेनामी संपत्ति में खपा रहे थे। कारोबारियों ने एक रियल एस्टेट कारोबारी के जरिए बड़ी संख्या में फ्लैट खरीदे।

लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता में खपाया 500 करोड़
आयकर अधिकारियों को रियल एस्टेट में पैसा लगाने की जानकारी मिली थी। ये फंड कोलकाता और दिल्ली के कारोबारियों के जरिए कानपुर में निवेश किया जा रहा था। इसीलिए आयकर विभाग ने लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता में भी छापा मारा। सूत्रों के मुताबिक, करीब 500 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम रियल एस्टेट में खपाई गई है। इन संपत्तियों की जांच भी आयकर विभाग की टीम कर रही है।

आयकर अधिकारियों को कर चोरी की कड़ी से कड़ी मिलती गई। इस रेड में करीब 100 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो बताते हैं कि कारोबारी काला धन बेनामी संपत्ति में खपा रहे थे। कारोबारियों ने एक रियल एस्टेट कारोबारी के जरिए बड़ी संख्या में फ्लैट खरीदे।

लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता में खपाया 500 करोड़
आयकर अधिकारियों को रियल एस्टेट में पैसा लगाने की जानकारी मिली थी। ये फंड कोलकाता और दिल्ली के कारोबारियों के जरिए कानपुर में निवेश किया जा रहा था। इसीलिए आयकर विभाग ने लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता में भी छापा मारा। सूत्रों के मुताबिक, करीब 500 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम रियल एस्टेट में खपाई गई है। इन संपत्तियों की जांच भी आयकर विभाग की टीम कर रही है।

रिश्तेदार, ड्राइवर और नौकर को बना रखा है डायरेक्टर
सूत्रों के मुताबिक, कारोबारियों ने काला धन खपाने के लिए फर्जी कंपनी भी बना रखी है। जिसमें कारोबारियों के रिश्तेदार के साथ नौकर और ड्राइवर डायरेक्टर हैं। इनके जरिए कारोबारियों ने 600 करोड़ रुपए का बोगस लेनदेन भी किया गया। इसका कारोबारी हिसाब नहीं दे पाए हैं। यह खेल अधिकारियों ने फार्म 60 से पकड़ा था।

नोट गिनने के लिए मशीन मंगाई
आयकर अधिकारियों ने पांचवें दिन छापे की कार्यवाही पूरी कर ली है। इसलिए अधिकारियों ने मशीनों से नोट गिनने के बाद उनको पैक कर लिया। साथ ही सोने की बिस्किट और ज्वैलरी का भी पूरा मूल्यांकन कर उनको भी पैक कर लिया।

इसके अलावा लैपटॉप की हार्ड डिस्क, फर्जी बिल, प्रॉपर्टी और बोगस कंपनी के दस्तावेजों को एक जगह एकत्र किया गया है। एक इटह कार से 12 किलो गोल्ड जब्त किया गया। वहीं करीब इस अभियान में 70 किलो सोना और चांदी भी आयकर विभाग ने जब्त किया है।

300 अधिकारियों ने 95 घंटे की पड़ताल
आयकर के छापे में पहले 250 अधिकारी शामिल थे, लेकिन जांच का दायरा बढ़ने पर 50 अधिकारियों को और बुलाया गया था। इन अधिकारियों ने पांच दिन में करीब 95 घंटे काम किया है। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती भी की गई थी।

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