नयी दिल्ली भाषा : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी की हार होती है तो यह ‘हिंदुत्ववादी ताकतों’ के लिए बड़ा झटका होगा तथा 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों को मजबूत आधार मिलेगा।
वामपंथी दल ने अपने मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में लिखे संपादकीय में यह भी कहा कि मौजूदा संदर्भ में कर्नाटक विधानसभा चुनाव का विशेष महत्व है।
उसने कहा, ‘‘दक्षिण भारत में कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा और आरएसएस का अच्छा खासा राजनीतिक और वैचारिक प्रभाव है। विधानसभा चुनाव में उसकी हार हिंदुत्वादी ताकतों के लिए बड़ा झटका होगी और इससे 2024 के लोकसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक विपक्ष के लिए मजबूत आधार तैयार होगा।’’
माकपा का कहना है कि कर्नाटक में भाजपा सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है और भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं के कारण लोगों में बहुत नाराजगी है जिसकी वजह से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने ‘विभाजनकारी एजेंडे’ को आगे बढ़ाना शुरू किया है।
उसने कहा, ‘‘इस चुनावी अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह खुद कर रहे हैं।’’
कर्नाटक में सभी 224 विधानसभा सीटों के लिए 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी।