ICAR and Dhanuka : आईसीएआर और धानुका एग्रीटेक की संयुक्त के.वी.के. कार्यशाला में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने पर ज़ोर

News/ by kuldeep shukla

ICAR and Dhanuka
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रायपुर | ICAR and Dhanuka : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और धानुका एग्रीटेक लिमिटेड द्वारा प्रेसवार्ता का आयोजन एक निजी होटल में रखा गया । संयुक्त रूप से आयोजित ऐतिहासिक के.वी.के. कार्यशाला ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और अटारी (छत्तीसगढ़, एमपी) क्षेत्र IX के माध्यम से पूरे देश में किसानी की आय बढ़ाने की नींव रखी।

किसानों तक नई तकनीक पहुंचाना

ICAR and Dhanuka : धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के अध्यक्ष (Chairman) डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में कहा कि दोनों संस्थानों की दक्षता का उपयोग कर किसानों तक नई तकनीक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि देशभर में 14.5 करोड़ से ज्यादा किसान हैं, जिनमें से अधिकतर किसानों के पास छोटी भूमि के स्वामी है। धानुका एग्रीटेक केंद्रीय संस्थानों, अटारी और कृषि विज्ञान केन्‍द्र के साथ जुड़कर इन छोटे किसानों को कृषि उत्पादन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है

ICAR and Dhanuka : अध्यक्ष (Chairman) डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में दोनों संस्थानों को मिलकर कृषि उत्पादन की एक नई पद्धति पर काम करने की आवश्‍यकता है और यह पद्धति है – जलवायु-मैत्री। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य बदलते परिवेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।

डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने कहा कि धानुका एग्रीटेक आईसीएआर-अटारी और कृषि विज्ञान केन्‍द्र के सहयोग से किसानों को सलाहकार सेवा प्रदान और प्रशिक्षित करेगा। इस आयोजन ने कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी की ताकत और क्षमता का उदाहरण दिया और देश के सुदर गांवी में उन्नत प्रौ‌द्योगिकियों का प्रसार और तैनाती पर जोर दिया।

ICAR and Dhanuka : छत्तीसगढ़ के सभी 81 केवीके के वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में शामिल

डीडब्ल्यूआर के निर्देशक डॉ. जेएस मिश्रा, अटारी औन-IX के निदेशक डॉ. एसआरके सिंह, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) आईसीएआर एनआईबीएसएम डॉ कल्याण के मंडल, संयुक्त निदेशक (फसल स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान स्कूल), डॉ एक दीक्षित और डॉ पी के चक्रवती, पूर्व सदस्य, एएसआरबी, आईसीएआर ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी 81 केवीके के वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में शामिल रहे।

ICAR and Dhanuka :  कार्यशाला का प्राथमिक उद्‌द्देश्य

इस कार्यशाला का प्राथमिक उद्‌द्देश्य किसानी, केवीके और सभी संबंधित हितधारकों के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध कृषि प्रौद्‌योगिकियों का प्रसार करना है। कार्यशाला का उद्‌देश्य किसानों के उत्पादन, उत्पादकता और कृषि आय की उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देना है।

ICAR and Dhanuka : भारत के विशाल कृषि परिदृश्य, जिसमें 65 लाख गाँव और 14 करोड़ किसान को देखते हुए यह महत्वपूर्ण पहल है। इस व्यापक किसान आधार तक पहुंचना किसी भी एकल इकाई के लिए बहुत कठिन कार्य है, जो मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

ICAR and Dhanuka : आईसीएआर और धानुका एग्रीटेक की संयुक्त के.वी.के. कार्यशाला में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने पर ज़ोर

ICAR and Dhanuka : कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में सार्वजनिक-निजी भागीदारी

कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में सरकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। इस तरह के सहयोग कृषि विस्तार सेवाओं की पहुंच और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी संस्थानों के संसाधनों, विशेषज्ञता और नवीन समाधानी को एकत्रित करके अधिकतम क्षमता का लाभ उठाने में सक्षम बनाते l

ICAR and Dhanuka : इस प्रयास को सफल बनाने आईसीएआर-धानुका का सहयोग

इस साझेदारी को कार्यात्मक और सार्थक बनाने के लिए, धानुका एग्रीटेक ने 19 मार्च, 2024 की आईसीएआर के साथ एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक समझौता जापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता जापन अनुसंधान एवं विकास की दिग्गज कंपनी धानुका और आईसीएआर जिसके पास अपना स्वयं का अनुसंधान एवं विकास के संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठाने में सक्षम होगा, ताकि विस्तार और अनुसंधान गतिविधियों को मजबूत किया जा सके।

इस साझेदारी का उद्‌देश्य प्रदर्शनों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और क्षेत्र दिवसों के माध्यम से उन्नत कृषि प्रौ‌द्योगिकियों के समुक्त प्रसार के माध्यम से भारतीय कृषि को और अधिक जीवंत बनाना है।

यह कार्यशाला इस सहयोगात्मक प्रयास की शुरुआत का प्रतीक है. जहा आईसीएआर और धानुका के विशेषज्ञ किसानों की भलाई के लिए अपने ज्ञान और प्रौद्‌योगिकियों को साइत किया।

तकनीकी प्रगतिः नवाचार के प्रति धानुका एग्रीटेक की प्रतिब‌द्धता छह जापानी कंपनियों के साथ इसके सहयोग से और अधिक रेखांकित होती है, जो इसे विभिन कीटों से निपटने के लिए नवीनतम तकनीकों को पेश करने के लिए सशक्त बनाती है।

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पलवल में स्थित कंपनी की अनुसंधान सुविधा, धानुका एग्रीटेक रिसर्च और टेक्नॉलॉजी सेंटर (DART), किसानों के लिए एक मुफ्त हेल्पलाइन चलाती है, जो उनके प्रश्नों में सहायता करती है और सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, धानुका ड्रोन और सटीक कृषि तकनीको को पेश करने में सबसे आगे है, जो आधुनिक कृषि में महत्वपूर्ण हैं।

भविष्य की पहलः आगे देखते हुए, सभी आईसीएआर-ATARI के सहयोग से पूरे भारत में इसी तरह की कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये पहल सुनिश्चित करेंगी कि देश भर में किसानी की नवीनतम प्रौ‌द्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं तक पहुंच हो, जो अंततः अधिक उत्पादक और टिकाऊ कृषि क्षेत्र में योगदान देंगे।

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