छतरपुर
HDFC बैंक की स्थानीय शाखा में जैसे ही नए बैंक मैनेजर (Bank Manager) ने चार्ज संभाला वैसे ही चार्ज के दौरान 1 करोड़ 11 लाख 51 हजार 900 रुपए की गड़बड़ी सामने आई है। बीते रोज दिन भर राशि जमा करने को लेकर चर्चाएं चलती रहीं, मगर जब राशि जमा नहीं हुई तो बुधवार को नवागत बैंक मैनेजर (Bank Manager) ने थाने में शिकायत देकर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आग्रह किया। जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिपिक, कैशियर तथा पूर्व बैंक मैनेजर से पूछताछ शुरु की है।
जाने क्या है मामला
HDFC के नवागत बैंक मैनेजर सौरभ खरे ने थाने में शिकायत करते हुए बताया कि एटीएम (ATM) व लेनदेन की राशि का मिलान करने के बाद शाखा में 1 करोड़ 11 लाख 51,900 रुपए नहीं मिले। बैंक के भीतर ही कार्यरत कर्मचारियों द्वारा इस राशि का गबन किया गया है। मैनेजर के मुताबिक जल्द ही नाम सामने आएंगे। 30 मार्च को मैनेजर गिरीश तिवारी का स्थानांतरण हुआ और इनके स्थान पर सौरभ खरे ने मैनेजर (Manager) का चार्ज संभाला। श्री खरे ने चार्ज संभालते ही बैंक की राशि का मिलान किया जिसमें 1 करोड़ 11 लाख 51,900 रुपए गायब हैं। पुलिस ने पूर्व मैनेजर गिरीश तिवारी, लिपिक संजीव शर्मा व कैशियर मेघा चौहान से पूछताछ शुरु कर दी है।
सूत्र बताते हैं कि 17 फरवरी को बैंक का ऑडिट (Audit) हुआ था और उस समय सब कुछ ठीक था लेकिन डेढ़ माह में 1 करोड़ 11 लाख 51,900 रुपए को ठिकाने लगा दिया गया। सूत्रों का कहना है कि लिपिक संजीव शर्मा को एटीएम और केसीसी का भी दायित्व दिया गया था। कैशियर मेघा चौहान की आड़ में लिपिक द्वारा गबन किए जाने की चर्चाएं चल रही हैं। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को गायब मोटी रकम वापिस जमा किए जाने का दबाव डाला गया। लेकिन, राशि अधिक थी और तुरंत व्यवस्था नहीं हो सकती थी। इसलिए, मैनेजर ने FIR दर्ज कराना उचित समझा। लिपिक पर शक की सुई घूम रही है।