गुरु बिनु भवनिधि तरइ न कोई,जो बिरंचि शंकर सम होई

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Guru Purnima now 2025
Guru Purnima now 2025

अध्यात्म; 9 जुलाई; कल्पना शुक्ला । Guru Purnima now 2025 :  गुरु की महिमा आज की नही अपितु अनंतकाल से है,अगर कोई परम सत्ता भी इस धरती पर आए तो उसे जागृत होने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है, तुलसीदास जी कहते है भले ही कोई शंकर के समान क्यों न हो, वह गुरु के बिना भव सागर पार नहीं कर सकता।

गुरू मनुष्य रूप में नारायण

Guru Purnima now 2025 :  सृष्टि के आरंभ से ही गुरु की अनिवार्यता बताया गया। वेदों, उपनिषदों, पुराणों, रामायण, गीता, आदि सभी धर्मग्रन्थों एवं सभी महान संतों द्वारा गुरु की महिमा का गुणगान किया गया है। भगवान कृष्ण भी धरती पर आकर गुरु से शिक्षा ग्रहण किए। तुलसीदास जी रामचरितमानस में लिखते हैं गुरू मनुष्य रूप में नारायण ही हैं।

जीवन में गुरु का दिशा निर्देशन जरूरी

Guru Purnima now 2025 :  जैसे सूर्य के निकलने पर अंधकार नष्ट हो जाता है, वैसे ही उनके वचनों से मोहरूपी अन्धकार का नाश हो जाता है। जीवन में गुरु का दिशा निर्देशन जरूरी है , आज की भौतिकवाद संसार में भी गुरू की सबसे अधिक आवश्यकता है। आज मनुष्य अध्यात्म से दूर हो रहे है,और जीवन में भटकाव है।

सद्गुरु सभी प्रकार के ताप-शाप से रक्षा करती है

Guru Purnima now 2025 :  प्राय: शिष्य गुरु को मानते हैं पर उनके संदेशों को नहीं मानते। इसी कारण उनके जीवन में और समाज में अशांति बनी रहती है। जिस दिन शिष्य ने गुरु के वचनों को मानना शुरू किया उसी दिन से उसका उत्थान शुरू हो जाता है और सद्गुरु एक ऐसी शक्ति है जो शिष्य की सभी प्रकार के ताप-शाप से रक्षा करती है।

Guru Purnima now 2025 :  शांति के लिए गुरु चरणों में समर्पण

बाहर की वस्तुएँ सुख दे सकती हैं किन्तु इससे मानसिक शांति नहीं मिल सकती। शांति के लिए गुरु चरणों में समर्पण परम आवश्यक है। जिनके दर्शन मात्र से मन प्रसन्न होता है, अपने आप धैर्य और शांति आ जाती हैं, वे परम पूज्य गुरुदेव हैं। उनके दर्शन मात्र से ही मन में बड़ी प्रसनन्ता व शांति का अनुभव होता है। मन की संपूर्ण उद्विग्नता समाप्त हो जाती है।

Guru Purnima now 2025 :  जीवन के रणक्षेत्र में गुरु पथदर्शक 

जीवन के रणक्षेत्र में कोई व्यक्ति भ्रमित हो जाता है, जब उसके सामने कर्तव्य और मोह के बीच द्वंद्व खड़ा होता है, तब वही गुरु उसका पथदर्शक बनता है। महाभारत का युद्ध सिर्फ़ दो पक्षों के बीच की लड़ाई नहीं थी, वह एक धर्म और अधर्म के बीच का युद्ध था, और उस युद्ध में अर्जुन जैसे वीर भी तब तक असमर्थ थे जब तक उन्हें कृष्ण जैसे गुरु का साथ नहीं मिला।

कृष्ण ने केवल अर्जुन को युद्ध लड़ने की प्रेरणा ही नहीं दी, बल्कि उसे यह समझाया कि उसका युद्ध किसके लिए है — अपने कर्तव्य, अपने धर्म, और सच्चाई के लिए। श्रीमद्भगवद्गीता में कृष्ण का दिया गया ज्ञान आज भी संसार को दिशा देता है।

“गुरु बिनु ज्ञान न उपजै, गुरु बिनु मिटै न मोह।
गुरु बिनु लखै न सत्य को, गुरु बिनु मिटै न क्लेश व्योह।”

Guru Purnima now 2025 :  गुरु केवल शिक्षा देने वाला नहीं होता, वह जीवन की दिशा तय करने वाला होता है। जिस प्रकार कृष्ण ने अर्जुन को उसके धर्म का बोध कराया, वैसे ही जीवन में जब हम संशय, भय, या निराशा से घिर जाते हैं, तब एक सच्चे गुरु का प्रकाश ही हमें अंधकार से बाहर निकाल सकता है।

माँ कामाख्या के साधक, दस महाविद्याओं के उपासक, युगदृष्टा, सद्गृहस्थ संत श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी)
की पावन संनिधि में गुरु-शिष्य परंपरा का पावन पर्व  “गुरु पूर्णिमा का महोत्सव श्री लल्लन सिंह क्लब डेहरी ऑन सोन बिहार में अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है ।

Guru Purnima now 2025 : महर्षि वेदव्यास जी के जन्मदिन के साथ- साथ सभी शिष्यों के लिए यह महापर्व होता है। गुरुजी महर्षि वेदव्यास के जन्मदिन की सभी को बधाई देते हुए यह बताएं कि वेदव्यास जी के जन्मदिन को हम गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं l जो अन्य वेदों को लिखे हैं ऐसे महापुरुष को हम बार-बार नमन करते हैं ।

गुरुपूर्णिमा की शुभकामनायें
गुरु चरणों में नमन 


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