राज्यपाल सुश्री उइके ने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की आदमकद प्रतिमा का किया अनावरण

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Governor Sushri Uike unveiled the life size statue of Netaji Subhash Chandra Bose

 

 

रायपुर, | राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर द ग्रेट इंडिया स्कूल परिसर मंदिर हसौद में उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। प्रतिमा अनावरण उपरांत मुख्य समारोह का शुभारंभ राज्यपाल सह अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

मुख्य अतिथि की आसंदी से राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की प्रतिमा का अनावरण करना उनके लिये अत्यंत गौरव की बात है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे नेता जी के विचारों को जीवन में आत्मसात करें। राज्यपाल ने कहा कि नेता जी को राष्ट्र, अपने जीवन से अधिक प्रिय था और देश के लिये उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

उन्होंने कहा कि स्कूल, बच्चों में राष्ट्रीयता और देश प्रेम की भावना जगाने में अपना अहम योगदान दे रहा है, जो सराहनीय है। राज्यपाल सुश्री उइके ने आगे कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पहल से देशवासियों को आजादी के नायकों के बारे में तथ्यपूर्ण जानकारी मिली, हमें राष्ट्र के ऐसे नायकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत गौरव की बात है कि इस पहल विद्यार्थी अपने देश के उन गुमनाम नायकों के बारे में भी जान सके, जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देश की आजादी में समर्पित किया।

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राज्यपाल ने बच्चों से अपने विद्यार्थी जीवन का अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें एन.एस.एस. के माध्यम से अनुशासन की सीख मिली और देश-प्रेम की भावना भी अंकुरित हुई। एन.एस.एस. के माध्यम से ही स्वाभिमानी बनने की सीख मिली और यथा संभव अपने कार्य खुद करने का प्रयास किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हमारी भावना और विचार अच्छे होने से हम संवेदनशील होते हैं, जो मानवीय दृष्टि से आवश्यक भी है।

राज्यपाल ने शिक्षकों और अभिभावकों से कहा कि हम सभी का समन्वित प्रयास होना चाहिए कि अपनी भावी पीढ़ी की ऊर्जा का उपयोग राष्ट्रहित में कर सकें। हमें यह भी समझना होगा कि देश की सीमा में तैनात सैनिक अपने दायित्वों का निर्वहन तो कर रहे हैं, लेकिन देश के नागरिक के रूप में हमें भी अपने कर्तव्य निभाने होंगे। अपने परिवेश की स्वच्छता, सामाजिक सौहार्द्र, राष्ट्र प्रतीकों का सम्मान, राष्ट्रीय सम्पत्ति की रक्षा कर हम भी देश के विकास और प्रगति में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

राज्यपाल ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के योगदान को रेखांकित करते हुए उनके संदेशों की व्याख्या की और विद्यार्थियों को उसका अनुसरण करने को कहा। इस मौके पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों और अभिभावकों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परीक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों और तनाव प्रबंधन पर लिखित ‘एक्जाम वारियर्स’ पुस्तक पढ़ने को कहा और विद्यार्थियों के जीवन में इसकी उपयोगिता के बारे में बताया। राज्यपाल सुश्री उइके ने विद्यार्थियों को राजभवन भ्रमण के लिए भी आमंत्रित किया।

इस मौके पर स्कूल प्रबंधन द्वारा देश के सैनिकों के परिजनों के लिए एकत्रित की गई सहयोग राशि के संबंध में राज्यपाल को जानकारी दी गई और इसे शीघ्र ही रक्षा मंत्रालय भेजने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में स्कूल प्रबंधन ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, स्कूल के संस्थापक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, प्रख्यात शिक्षाविद् जवाहर सुरी शेट्ठी सहित विभिन्न स्कूलों से आए पदाधिकारीगण, विद्यालय के शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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