प्रयागराज
त्रिवेणी संगम नगरी प्रयागराज से 800 मीटर दूर बंधवा स्थित लेटे हनुमान जी से मिलने मां गंगा गुरुवार दोपहर 2 बजे पहुंचीं। मां गंगा वैसे तो हर साल लेटे हनुमान जी के पांव पखारने आती हैं, पर इस बार थोड़ा जल्दी ही आ गईं। मंदिर में मां गंगा के प्रवेश के साथ ही साथ घंटा-घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि के बीच जयकारे लगने लगे। हनुमान जी के पांव पखारने का दृश्य अपनी आंखों में कैद करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंचे। पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।
हनुमान जी का मंदिर विश्व के कई देशों में हैं, पर यह ऐसा मंदिर है, जिसमें हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई है। यह मंदिर एक बांध पर स्थित है। इसीलिए इसे बंधवा हनुमान जी का मंदिर भी कहा जाता है। कुछ लोग इस मंदिर को बड़े हनुमान जी के नाम से जानते हैं।
गंगा जी हर साल खुद कराने आती हैं स्नान
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बड़े हनुमान मंदिर के संरक्षक नरेंद्र गिरि का कहना है कि इस मंदिर में मां गंगा साल में एक बार हनुमान जी को खुद स्नान कराने आती हैं। दरअसल, जब गंगा में बाढ़ आती है तो बाढ़ का पानी लेटे हनुमान जी के मंदिर तक भी पहुंचता है। इसे शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे कष्ट कम होने लगते हैं। जब गंगा का पानी हनुमान जी की मूर्ति को छूता है, उसके बाद बाढ़ का पानी खुद-ब-खुद घटने लगता है।