रायपुर: Excise Department: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर राज्य सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में आबकारी विभाग द्वारा आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं।
Excise Department: चौथा पूरक चालान पेश, कोर्ट ने स्वीकारा
यह कदम उस समय उठाया गया जब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 7 जुलाई को 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेष न्यायालय में 2300 पन्नों का चौथा पूरक चालान दाखिल किया। कोर्ट ने इस चालान को स्वीकार करते हुए आरोपियों को 20 अगस्त तक की मोहलत दी है, क्योंकि समन के बावजूद कई अधिकारी अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे।
पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर गंभीर आरोप
Excise Department: EOW की जांच में सामने आया है कि यह घोटाला पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। इस अवैध कारोबार से प्राप्त राशि का उपयोग संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने निजी और पारिवारिक लाभ के लिए किया।

3200 करोड़ से अधिक का घोटाला
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि करीब 60.5 लाख पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री की गई। इस अवैध बिक्री से घोटाले की अनुमानित राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। बी-पार्ट शराब का मतलब ऐसी शराब से है जिसे सरकारी दुकानों के समानांतर अवैध रूप से बाजार में बेचा गया।
13 गिरफ्तार, 70 नामजद
Excise Department: अब तक इस घोटाले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें प्रमुख नाम अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा और विजय भाटिया शामिल हैं। एफआईआर में 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
निलंबित अधिकारियों के नाम
Excise Department: इस कार्रवाई में निलंबित किए गए अधिकारियों में निम्न प्रमुख नाम शामिल हैं:
- जनार्दन कौरव (जिला आबकारी अधिकारी)
- अनिमेष नेताम (उपायुक्त आबकारी)
- विजय सेन शर्मा
- अरविंद कुमार पाटले
- प्रमोद कुमार नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी)
- रामकृष्ण मिश्रा
- विकास कुमार गोस्वामी
- नवीन प्रताप सिंह तोमर
- मंजुश्री कसेर
- सौरभ बख्शी
- दिनकर वासनिक
- सोनल नेताम
- प्रकाश पाल
- अलेख राम सिदार
- आशीष कोसम
- राजेश जायसवाल
- इकबाल खान (जिला आबकारी अधिकारी)
- नितिन खंडुजा
- मोहित कुमार जायसवाल
- गरीबपाल सिंह दर्दी
- नीतू नोतानी ठाकुर (उपायुक्त आबकारी)
- नोहर सिंह ठाकुर
राज्य सरकार की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि घोटाले में संलिप्त अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है और आने वाले दिनों में और भी नामों का खुलासा हो सकता है।
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