नई दिल्ली,
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की प्रतियोगिता के दूसरे दिन जहां भारत की झोली में चार मेडल आए। वहीं तीसरे दिन 67 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग में लालरिनुंगा जेरेमी ने स्वर्ण पदक अपने नाम करके भारत का खाता खोला। उन्होंने स्नैच राउंड में 140 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 160 किलोक्राम का भार उठाकर भारत के लिए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पांचवां मेडल जीता।
Jeremy wins Gold for India! 🥇❤️
19-year-old Jeremy Lalrinnunga from Mizoram adds gold to his illustrious career. He lifted 300 KG in Men's 67 KG category! 😍🇮🇳#Weightlifting 🏋️ #B2022 #CWG2022 pic.twitter.com/4McnRVJOiI
— IFTWC (@IFTWC) July 31, 2022
स्नैच राउंड
- जेरेमी ने पहले प्रयास में उठाया 136 किलो का वजन :- जेरेमी लालरिनुंगा ने स्नैच राउंड के पहले प्रयास में सबसे ज्यादा 136 किलो का वजन उठाया और इसके साथ ही गेम्स रिकॉर्ड भी बना दिया। वह दूसरे प्रयास में 140 किलो का वजन उठाएंगे।
- जेरेमी का जलवा, दूसरे प्रयास में 140 किलो का वजन उठाया:- जेरेमी ने दूसरे प्रयास में 140 किलो का वजन उठाकर नया गेम्स रिकॉर्ड बना दिया है। वह स्नैच राउंड में पहले स्थान पर हैं और तीसरे प्रयास में 143 किलो का वजन उठाएंगे।
जेरेमी तीसरे प्रयास में नहीं उठा पाए 143 किलो:– जेरेमी ने तीसरे प्रयास में 143 किलो का वजन उठाने की कोशिश की लेकिन यहां वह चूक गए।
क्लीन एंड जर्क राउंड
- फिर जेरेमी ने किया कमाल:– फिर शुरुआत हुई क्लीन एंड जर्क राउंड की जिसमें जेरेमी ने पहले राउंड में 154 किलोग्राम का भार उठाया और वह परेशानी से जूझते दिखे।
- चोट के बाद भी नहीं थमे जेरेमी:– चोट लगी और वह परेशानी में नजर आए इसके बावजूद उन्होंने दूसरे अटेम्प्ट में 160 किलोग्राम का भार उठाया और सभी को हैरान कर दिया। लेकिन इसके बाद फिर वह बोर्ड पर बैठ गए और परेशानी में नजर आए।
- जेरेमी ने स्वर्ण पदक किया अपने नाम:- तीसरे प्रयास में जेरेमी ने 165 किलोग्राम क्लेम किया लेकिन वह उठा नहीं पाए और जर्क के दौरान वह वजन संभाल नहीं पाए और अपना हाथ पकड़ कर गिर पड़े। इस तरह उन्होंने स्नैच में 140 और क्लीन एंड जर्क में 160 किलो भार उठाकर कुल 300 किलोग्राम के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
इन खेलों में इससे पहले भारत के लिए चारों पदक वेटलिफ्टिंग में दूसरे दिन आए थे। मीराबाई चानू ने स्वर्ण पदक जीता था और बिंद्यारानी देवी ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इसके अलावा संकेत सरगर ने सिल्वर मेडल और गुरुराज पुजारी ने ब्रान्ज मेडल अपने नाम किया था।