Buddha Purnima 2022: भगवान बुद्ध के विचार को अनुसरण कर हम एक सुखद जीवन यापन कर सकते हैं, जाने बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

अध्यात्म,

बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध की जयंती वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल ये तिथि 16 मई 2022, दिन सोमवार को है। बौद्ध धर्म के साथ ही हिंदू धर्म में भी भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है। भगवान गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को करुणा और सहिष्णुता के मार्ग के लिए प्रेरित किया। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के आस्था रखने वाले लोग अपने घरों पर दीपक जलाते हैं और ग्रंथों का पाठ कर गौतम बुद्ध के बताए हुए रास्ते पर चलने की कसम खाते हैं। भगवान बुद्ध ने चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया था। गौतम बुद्ध के विचार को अनुसरण कर हम एक सुखद जीवन यापन कर सकते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

बौद्ध धर्म के लोग इस तिथि को भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं. जगह-जगह प्रकाशोत्सव किया जाता है. भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को आत्मसात करके उनके प्रति सच्ची श्रद्धा रखी जाती है. कहा जाता है कि अगर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर ध्यान दिया जाए, तो मनुष्य के सांसारिक कष्ट कम हो जाते हैं. उनका मन शुद्ध हो जाता है.

जलदान का है विशेष महत्व

इस दिन जलदान का विशेष महत्व है। राहगीरों को जल पिलाना चाहिए। जल से भरा घड़ा का दान मंदिरों में करना चाहिए। इस दिन दोपहर में भूखे को भोजन कराएं। इससे आनंद की प्राप्ति होती है। इस दिन दूध और खीर का दान करने से सभी तरह के चंद्र दोष समाप्त होते हैं।

इस दिन करें ये काम

वैशाख पूर्णिमा का दिन यज्ञ, गृह प्रवेश, विवाह, भवन निर्माण और अन्य शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम दिन है। इस दिन आभूषण क्रय और देव प्रतिष्ठा जैसे कार्य भी किए जा सकते हैं। पितृदोष निवारण के लिए भी यह दिन उत्तम है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से ग्रह दोष क्षीण होता है।

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