नई दिल्ली,
देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बढ़े अधिकार क्षेत्र का असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने समर्थन किया है. सरमा ने कहा है कि राज्य पुलिस के साथ बीएसएफ के बेहतर सहयोग के जरिए सुरक्षा की स्थितियां और ज्यादा मजबूत होंगी. उन्होंने कहा कि ये कदम देश की सुरक्षा के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण है.
दरअसल गृह मंत्रालय के नए फैसले के बाद BSF को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में देश की सीमा से लगते 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी जैसे कई अधिकार हासिल हो गए हैं. इसे लेकर पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सरकारें विरोध कर रही हैं.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल और कांग्रेस ने दर्ज कराया विरोध
इस बीच पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी फैसले पर विरोध दर्ज कराया है. पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा- ‘बीएसएफ चाहे तो तलाशी अभियान कर सकती है. वो हमेशा इसे पुलिस के साथ मिलकर करते हैं. ये वर्षों से चला आ रहा है. अब इस नए निर्णय के जरिए संघवाद पर हमला किया गया है.’ पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि गृह मंत्रालय इस फैसले को वापस ले अन्यथा ‘परिणाम भुगतने’ के लिए तैयार रहे.
पंजाब के नए मुख्यमंत्री बोले- फैसला वापस ले गृह मंत्रालय
पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस फैसले पर विरोध जताते हुए ट्वीट किया है- ‘मैं केंद्र सरकार के इस एकपक्षीय फैसले का विरोध करता हूं जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किमी अंदर तक बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं. ये संघवाद पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस अतार्किक फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील करता हूं.इसके अलावा कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि इस फैसले की वजह से आधा पंजाब सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र में चला जाएगा. साथ ही राज्य के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी नए फैसले की आलोचना की है.