Booster Dose: इंदौर जिले में 3.19 लाख लोगों ने ली है बूस्टर डोज, 21.81 लाख वयस्कों को यह खुराक देनी बाकी है

भोपाल,

मध्य प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे इंदौर जिले में 21 लाख से अधिक लोगों ने पात्रता के बावजूद महामारी रोधी टीके की एहतियाती खुराक यानी बूस्टर डोज नहीं ली है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि जिले में करीब 25 लाख पात्र वयस्कों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक देने का लक्ष्य तय किया गया है, जबकि इनमें से महज 3.19 लाख लोगों ने यह खुराक ली है। उन्होंने बताया कि इसका मतलब यह है कि 21.81 लाख वयस्कों को यह खुराक लगाई जानी बाकी है।

बूस्टर डोज मुफ्त में लगाए जाने के फैसले के बाद बढ़ रही तादाद 

गुप्ता ने हालांकि कहा कि सरकार ने 15 जुलाई से महामारी रोधी टीके की एहतियाती खुराक मुफ्त में लगाए जाने के फैसले के बाद इसे लेने वाले वयस्कों की तादाद बढ़ रही है। उन्होंने बताया, “पिछले 15 दिनों के दौरान हमने जिले में 1.36 लाख वयस्कों को एहतियाती खुराक लगाई है।”

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इंदौर में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 2.11 लाख मरीज मिले हैं और इनमें से 1,467 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

कोर्ट ने कोरोना जांच, बुनियादी ढांचों से जुड़ी सुनवाई रोकी

वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 से जुड़ी परिस्थितियों, जांच और बुनियादी ढांचे आदि से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई मंगलवार को रोक दी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने कहा, “हम सुनवाई बंद कर रहे हैं और सभी पक्षकारों को कोई भी समस्या होने के स्थिति में अदालत आने की अनुमति भी देते हैं।”

हाई कोर्ट ने 2021 में स्वत: संज्ञान लेते हुए कोविड-19 जांच और बुनियादी ढांचे के संबंध में वकील राकेश मल्होत्रा की ओर से 2020 में दायर याचिका का निपटारा कर दिया था। इस मामले पर विचार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि वायरस फिर से अपना सिर उठा रहा है और महामारी ज्यादा गंभीर होती जा रही है और यह प्रत्यक्ष है कि फिलहाल स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर है।

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