नई दिल्ली
#Barbados Republic : ब्रिटेन नियंत्रण से एक और देश आजाद हो गया है। कैरिबियाई द्वीपों के देश बारबाडोस (Barbados) को अब अलग गणतंत्र घोषित कर दिया गया है और वह ब्रिटेन से अलग होने वाला 55वां देश होगा। देर रात को बारबाडोस ने खुद को अलग देश घोषित कर दिया है और वहां पर अब ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वीतीय का शासन समाप्त हो गया है।
देर रात बारबाडोस के अलग देश घोषित होने के मौके पर एक समारोह हुआ है और उसमें ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस चार्ल्स ने भाग लिया है।
बार्बाडोस ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को राष्ट्राध्यक्ष के पद से हटा दिया है और अब यह देश एक गणतंत्र बन गया है. मंगलवार को देश को पहला राष्ट्रपति मिला जिसके चलते चार सौ साल बाद देश गणतंत्र बन गया.#barbadosrepublic #barbadosindependencehttps://t.co/f44mvqbzNl
— DW Hindi (@dw_hindi) November 30, 2021
ब्रिटेन की महारानी ने सैंड्रा मेसन को बारबाडोस की गवर्नर जनरल नियुक्त किया हुआ था और वह वहीं बारबाडोस की पहली राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। सैंड्रा मेसन आज रात बारबाडोस के राष्ट्रपति के पद की शपथ लेंगी। उन्होंने इससे पहले चिली, ब्राजील, कोलंबिया और वेनेजुएला के राजदूत के तौर पर भी काम किया है।
बाराबाडोस वैसे तो 1966 में ही ब्रिटेन की गुलामी से मुक्त हो चुका था लेकिन वहां की अधिकतर शासन व्यवस्थाएं ब्रिटेन के अधीन ही चल रहीं थी, अंग्रेजों ने लगभग 300 साल तक बारबाडोस पर राज किया है। 21वीं सदी की शुरुआत से ही बारबाडोस लगातार खुद को अलग गणतंत्र घोषित किए जाने के लिए कार्य कर रहा था और अब जाकर 2021 में उसको यह सफलता मिली है।
कैरिबियाई द्वीपसमूहों में बारबाडोस से पहले गुयाना, डोमनिका, त्रिनिदाद और टोबैगो खुद को अलग गणतंत्र घोषित कर चुके हैं। बारबाडोस को इन सभी देशों के मुकाबले ज्यादा समृद्ध माना जाता है क्योंकि पर्यटन के लिहाज से पूरी दुनिया में उसकी पहचान है। बारबाडोस की जनसंख्या लगभग 3 लाख के करीब है।