संपादकीय । AI Tracker now in a : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के आयोजकों के पास भगदड़ को क़ाबू में करने के लिए गुप्त हथियार है, जो अक्सर बड़े मेला और उत्सव-काल या किसी मेगा फेस्टिवल में देखने को मिलता है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
भीड़ की निगरानी और घटनाओं को रोकने के लिए एआई
AI Tracker now in a : आयोजकों ने बड़ी संख्या में आने वाली भीड़ की निगरानी और संभावित घटनाओं को रोकने के लिए एआई-आधारित उपकरणों को अपनाया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सहयोग से अधिकारियों को संवेदनशील स्थानों पर भीड़भाड़ से बचने में मदद कर रहा है, एएफपी की रिपोर्ट।
AI Tracker now in a : फेस्टिवल स्थल पर लगभग 300 कैमरे
पुलिस का कहना है कि उन्होंने फेस्टिवल स्थल पर लगभग 300 कैमरे लगाए हैं, जिसमें ड्रोन कैमरों का एक बेड़ा भी शामिल है। फुटेज को एक एआई एल्गोरिदम में फीड किया जाता है। जो अधिकारियों को हर दिशा में एक विस्तृत रेंज में भीड़ का समग्र अनुमान देता है, जिसे रेलवे और बसों के डेटा के साथ क्रॉस-चेक किया जाता है। अगर भीड़ के कुछ हिस्से इतने केंद्रित हो जाते हैं कि वे सुरक्षा के लिए खतरा बन जाते हैं, तो सिस्टम अलार्म बजाता है और भीड़ को तुरंत डायवर्ट कर दिया जाता है।
AI Tracker now in a : एआई की मदद से निगरानी
- भीड़ का अनुमान: विभिन्न स्थानों पर लगे कैमरों और सेंसरों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया जाता है ताकि भीड़ का सही आकलन किया जा सके।
- रियल-टाइम निगरानी: यह तकनीक लाइव वीडियो फीड का विश्लेषण करके भीड़ की घनत्व और मूवमेंट का पता लगाती है।
- खतरे की पहचान: अगर कहीं भी किसी प्रकार की भगदड़, अव्यवस्था, या असामान्य गतिविधि की संभावना होती है, तो एआई तुरंत चेतावनी जारी करता है।
- सुरक्षा में सुधार: एआई का उपयोग संदिग्ध व्यक्तियों या वस्तुओं की पहचान करने और समय रहते सुरक्षा उपाय करने में भी मदद करता है।
इस आधुनिक तकनीक के उपयोग से महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाया जा रहा है, जहां लाखों लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं। इससे न केवल आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी, बल्कि तीर्थयात्रियों का अनुभव भी बेहतर होगा।
AI Tracker now in a : ओपनएआई का नया दीर्घायु मॉडल
एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू की रिपोर्ट के अनुसार ओपनएआई ने दीर्घायु विज्ञान पर केंद्रित एक स्टार्टअप रेट्रो बायोसाइंसेज के साथ मिलकर जीपीटी-4बी नामक एक नया एआई मॉडल विकसित किया है। इस ‘स्मॉल लैंग्वेज मॉडल’ मॉडल का उद्देश्य स्टेम सेल उत्पादन की दक्षता को बढ़ाना है, जिसका मानव जीवनकाल बढ़ाने और मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में प्रभाव हो सकता है।
मॉडल में ऐसे प्रोटीन की कल्पना की गई है जो सामान्य कोशिकाओं को स्टेम सेल में बदलने में सक्षम हैं और यह मनुष्यों की तुलना में इस कार्य में बेहतर है। यह स्टेम सेल उत्पादन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर सकता है, इसे तेज़ और अधिक प्रभावी बना सकता है और दीर्घायु विज्ञान गंभीर बीमारियों के उपचार में और अधिक तेज़ी से विकास कर सकती है।
AI Tracker now in a : BBC ने Apple AI समाचार सारांशों को गलत बताया
Apple ने हाल ही में एक सॉफ़्टवेयर अपडेट जारी किया है, जिसमें AI का उपयोग करके बनाए गए समाचार शीर्षकों और सारांशों को अक्षम कर दिया गया है, जिन्हें तथ्यों को गलत बताने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। BBC और अन्य समाचार संगठनों ने शिकायत की थी कि उपयोगकर्ताओं को गलत या पूरी तरह से गलत शीर्षक या समाचार सारांश अलर्ट मिल रहे थे।
Apple ने निश्चित रूप से जनरेटिव AI के साथ निर्मित अपनी नई iPhone 16 सीरीज़ का अनावरण किया है, लेकिन ऐसा लगता है कि Apple इंटेलिजेंस पर भरोसा करने से पहले उसे अभी एक लंबा रास्ता तय करना है।
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