आरी तुतारी, कुलदीप शुक्ला
लंका में डंका बजाने आया बजरंगा !
किसकी बजेगी डंका किसकी ढहेंगी लंका
ये तो मतदाता ही जानता है
न धर्म होगा न जाति होगी
सिर्फ और सिर्फ कर्म और इमान होगा !
उत्तरप्रदेश चुनाव के वक्त पूरे देश में हिजाब का मुद्दा गूंजा और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोटिंग होने में मात्र तीन दिन बचे हैं अब बजरंग दल बनाम बजरंग बली का मुद्दा गूंज रहा है और हर सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कडी टक्कर देखने को मिल रहा है ।
चुनाव प्रचार में जुटी पार्टियां हर दिन कोई नया विकल्प तलाशती हैं जिससे विपक्षी पार्टी पर हमला बोला जाए । चुनाव में ज्यों-ज्यों दिन बीत रहे हैं मुद्दे बदलते जा रहे हैं । कांग्रेस बीजेपी पर करप्शन पर हमलावर थी। लेकिन जैसे ही कांग्रेस का मैनिफेस्टो आया, बीजेपी ने तुरंत बजरंग दल को बैन करने वाला मुद्दा उठा दिया । अब कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि कर्नाटक चुनाव में उनके एक उम्मीदवार ने पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार की हत्या करने की योजना बनाई है ।
कांग्रेस जैसे पिछले चार राज्य के चुनाव में नदारद थे वैसे ही वर्तमान कर्नाटक के चुनाव से नदारद होते नजर आ रहें है।चुनाव से पहले बडी जोर लगी थी, मतदान के नज़दीक आते ही मुद्दों से भटक जाते है ।
लेकिन इस बार ऐसा नही होगा फिर भी इससे कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है ।
शह और मात के खेल मे फिर मात खाता दिख रहा है चाणक्य का
ध्रुवीकरण …. ?
‘मतदाता के वोट पर धर्म और अपराध चले बा ?
”फिक्सिंग का खेल चले बा ”वोट पर जाति धर्म चले बा ?
कहीं जाति धर्म के नाम पे तो कहीं बजरंग दल के नाम पे, तो कहीं परिवार की हत्या के नाम पे ”वोट पर नोट चले बा” ” कही खरगे तो कही भाई, भतीजे, बहु, बेटी और बेटे के होश उड़ेला” इहां पर बीजेपी के चाल बिगड़े ला, मोदी अमित के होश उडेला ला”
ये सब नेता सत्ता के लिए देश का हिजाब उतार….. ?
देखो कैसे तिल का ताड़ बनाया जा रहा है ।
क्या ये जनता के शुभचिंतक है……?
जहां ”वोट के लिए जाति, धर्म, नोट, प्रलोभन सब चलता है…..?
कहां है सविधान…… ? कहां है कर्तव्य…… ? कहां है न्याय ……?
अब भी समय है जाग जाओ !
हंटर की मार हो या प्रजा की मार दोनों में आवाज़ होता है
इसकी आवाज़ दूर तक ज़ोर से सुनाई पड़ती है
मार्ग में आजाओ नहीं तो मार्ग पर ला देगी जनता…..