मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब….नक्सली समस्या अविश्वास प्रस्ताव पर आता था…अब नही की…ये हमारी उपलब्धि

परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन मे होना चाहिए.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब....नक्सली समस्या अविश्वास प्रस्ताव पर आता था...अब नही की...ये हमारी उपलब्धि

रायपुर, कुलदीप शुक्ला |छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने  संबोधन में सभी वक्ताओं का किया धन्यवाद । उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। पहले जब अविश्वास प्रस्ताव पर आता था तब नक्सली समस्या पर बात होती थी। इस बार सदस्यों ने नही की। ये हमारी उपलब्धि है।

आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ। अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला। जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया। जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नही है। आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर बदल गया है।

पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी आज सड़के काटी नहीं जाती , ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने आरम्भ कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है। ये बदलाव आया है।

जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात की। उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूँ जिन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण में अपना योगदान दिया।

परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन मे होना चाहिए इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा में निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है। जब बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश में बोलते हैं तब संतोष होता है।

बस्तर हो सरगुजा हो मानपुर हो, दो मांगे मुझसे हुई। एक बैंक की और दूसरी स्वामी आत्मानंद स्कूलों की।
पुजारी स्कूल किसने बनाया था हमारे पुरखों ने।

आरडी तिवारी स्कूल में पहले 56 बच्चे पढ़ रहे थे। अब हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। अब ऐसे स्कूल नहीं चल रहे जो गुणवत्ता नही देते, लोग स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं।

बस्तर के बच्चों को शिक्षित, सुपोषित कर दीजिए, वे अपनी जिंदगी स्वयं संवार लेंगे।
20 हजार करोड़ रुपये का इनपुट सब्सिडी हमने किसानों को दिया। किसान हमारे प्रदेश का बहुत खुशहाल है।

डीएमएफ के बारे में बताऊं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने मीटिंग ली।  सभी खदान आदिवासी अंचल में थी।
मैंने पूछा कि आदिवासियों के जीवन मे क्या परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि नहीं आया। हमने कहा कि यह होना चाहिए

हमने कहा कि इससे स्कूल बनाओ, सड़क बनाओ। डीएमएफ का तभी सही उपयोग होगा। मलेरिया में हमने बड़ा काम किया और ये काफी घट गया।  उल्टी दस्त का एक भी प्रश्न विधानसभा में बस्तर से नहीं लगा। बस्तर में डॉक्टर है नर्स हैं।
ब्लड बैंक बनवाये।

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर जब हम निकले, कितनी बाधा आई। कोरोना आया। सबकी मदद से हमने अपना संकल्प पूरा किया। सबने इसके लिए सहयोग किया।

पांच साल में आये परिवर्तन के बारे में बताया। जिले 33 हो गए। तहसील भी बढ़ गए। प्रति व्यक्ति आय बढ़ गई। धान खरीदी 56 लाख से 110 मीट्रिक टन हो गई।  रकबा भी बढ़ गया। धान खरीदी केंद्र 2400 हो गए।  राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना हमने आरम्भ की। 10 हजार से अधिक गौठान बनाये।
उर्जिकृत पंप 4 लाख हो गए। एकल बत्ती कनेक्शन 15 लाख से 17 लाख हो गए।

आपके समय तो 105 करोड रुपए का ऋण माफ हुआ था हमने तो 9500 सौ करोड़ का ऋण माफ किया है।केसीसी आपके समय में 14 लाख दे अब बढ़कर 21 लाख हो गए, 245 करोड़ का गोबर खरीदा 291 करोड़ की सामग्री बेंचा घाटे का सौदा नहीं है ।

यह कबीर की भूमि है। गुरु घासीदास की भूमि है। शांति का टापू है। अपनी संस्कृति के लिए हम काम कर रहे हैं।
मैं विपक्ष के लोगों को धन्यवाद देता हूँ कि प्रदेश की जनता को आपने हमारी बातों को पहुंचाने का अवसर दिया।
अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ ।