देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 50 करोड़ के पार, पीएम बोले- महामारी से जंग ने पकड़ी रफ्तार 

नई दिल्ली
 कोरोना वायरस के ख‍िलाफ लड़ाई में भारत ने शुक्रवार को एक अहम मुकाम हासिल किया। भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 50 करोड़ के पार हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। अकेले शुक्रवार को 43.29 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी। वैक्सीनेशन ड्राइव के इस मील के पत्थर पर को पार करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना वैक्सीन की अबतक 50 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। 40 करोड़ से 50 करोड़ का आंकड़ा महज 20 दिन में पूरा हुआ है। 50 करोड़ से ज्यादा डोज लगाए जाने की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'कोरोना के खिलाफ भारत की जंग ने तेज रफ्तार पकड़ी है। वैक्सीनेशन का आंकड़ा 50 करोड़ को पार कर चुका है। हम इस आंकड़े को विस्तार देने और 'सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन' के तहत अपने सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने की उम्मीद करते हैं।'

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने अपने ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 'सबको मुफ्त वैक्सीन' अभियान से आज देश ने 50 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया है। भारत को 0-10 करोड़ का आंकड़ा छूने में 85 दिन, 10-20 करोड़ में 45 दिन, 20-30 करोड़ में 29 दिन, 30-40 करोड़ में 24 दिन और 40 से 50 करोड़ टीकाकरण में केवल 20 दिन लगे। 

देश में टीकों के विनिर्माण या उत्पादन की क्षमता से संबंधित प्रश्न के उत्तर में पवार ने कहा, 'जैसा कि निर्माताओं ने बताया है कि कोविशील्ड की मासिक उत्पादन क्षमता 11 करोड़ खुराक प्रति माह से बढ़ाकर 12 करोड़ से अधिक प्रति माह करने की वहीं कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता 2.5 करोड़ खुराक प्रति माह से बढ़ाकर करीब 5.8 करोड़ खुराक प्रति माह करने की योजना है। देश में इसी साल 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। 

21 जून से इसकी कमान केंद्र ने पूरी तरह अपने हाथ में ले ली। इससे पहले सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया कि कोविशील्ड टीके की मासिक उत्पादन क्षमता 11 करोड़ खुराक से बढ़ाकर 12 करोड़ से अधिक करने और कोवैक्सीन की क्षमता हर महीने ढाई करोड़ खुराक से बढ़ाकर करीब 5.8 करोड़ करने की योजना है। राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 16 जनवरी से 5 अगस्त तक कोविशील्ड की 44.42 करोड़ खुराकों की आपूर्ति की, वहीं भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की 6.82 करोड़ खुराकों की आपूर्ति की।