शिमला
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। लंबी बीमारी से जूझ रहे वीरभद्र सिंह शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। जहां उन्होंने आज सुबह 3.40 बजे अंतिम सांसे ली।
आईजीएमसी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनक राज ने उनके निधन की पुष्टि की। इससे पहले सोमवार को हार्ट अटैक आने के बाद वीरभद्र सिंह को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में वीरभद्र सिंह की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। इस वजह से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। वीरभद्र सिंह यहां वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। इससे पहले के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनक राज ने बुधवार को कहा था कि सिंह की हालत गंभीर है लेकिन वह स्थिर बनी हुई है।
1962 में हुई चुनावी राजनीति में आए
वीरभद्र सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से अपने एमए की डिग्री पूरी की। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि वीरभद्र सिंह ने राजनीति में आए। पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गांधी भी तब वीरभद्र से खासी प्रभावित थी। इंदिरा के कहने पर 1959 में वीरभद्र सिंह दिल्ली से हिमाचल लौटे और लोगों के बीच जाकर उनके लिए काम करना शुरू किया। वीरभद्र का ताल्लुख तो रामपुर बुशहर रियासत से है। नतीजन 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें महासू वर्तमान शिमला सीट से उम्मीदवार बनाया। वीरभद्र आसानी से चुनाव जीत गए और पहली मर्तबा लोकसभा पहुंचे।
वीरभद्र सिंह 9 बार विधायक रहे थे। इसके साथ ही वह 5 बार सांसद भी चुने गए थे। उन्होंने 6 बार सीएम के रूप में हिमाचल प्रदेश की बागडोर भी संभाली थी। वो दो बार कोरोना संक्रमित भी हुए थे। उन्होंने 21 जून को दूसरी बार कोरोना से जंग जीती थी। वर्तमान समय में वो सोलन जिले के अरकी से वो विधायक थे।
वह 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। वीरभद्र सिंह साल 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 से 2003, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा यूपीए सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रह चुके थे।
साल 1962 में पहली बार लोक सभा के लिए चुने गए वीरभद्र सिंह 5 बार संसद के सदस्य रहे थे। वह 9 बार विधान सभा के लिए भी चुने गए थे। उनके नाम कई राजनीतिक रिकॉर्ड दर्ज हैं। वह सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई पदों अहम पदों पर रह चुके हैं।
पीएम मोदी ने निधन पर जताया शोक
पीएम मोदीने शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि श्री वीरभद्र सिंह जी का लंबा राजनीतिक जीवन था, उनके पास समृद्ध प्रशासनिक और विधायी अनुभव था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राज्य के लोगों की सेवा की। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना, शांति।
Shri Virbhadra Singh Ji had a long political career, with rich administrative and legislative experience. He played a pivotal role in Himachal Pradesh and served the people of the state. Saddened by his demise. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2021
प्रियंका गांधी ने दी श्रद्धांजलि
वीरभद्र सिंह की मृत्यु के बाद प्रियंका गांधी ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि राजनीति में विशालकाय पर्वतों सा कद रखने वाले व देवभूमि हिमाचल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह के निधन से हम सबको एक अपूर्णीय क्षति हुई है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। विनम्र श्रद्धांजलि।
राजनीति में विशालकाय पर्वतों सा कद रखने वाले व देवभूमि हिमाचल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री वीरभद्र सिंह जी के निधन से हम सबको एक अपूर्णीय क्षति हुई है।
ईश्वर श्री वीरभद्र सिंह जी को श्रीचरणों में स्थान दें। विनम्र श्रद्धांजलि pic.twitter.com/Af6bJziqpe
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 8, 2021