भोपाल
मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए शिवराज सरकार अब अध्यादेश लाने जा रही है। इसके माध्यम से 1869 अनाधिकृत (अवैध) कॉलोनियों को नियमित करने का अधिकार निकायों को मिलेगा। इसके पहले पांच हजार से ज्यादा कॉलोनियों को शुल्क लेकर नियमित किया जा चुका है। इनका प्रबंधन नगरीय निकायों ने अपने हाथ में ले लिया है पर तीन जून 2019 के बाद से कोई अवैध कॉलोनी नियमित नहीं हुई क्योंकि हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश नगर पालिका कॉलोनाइजर संबंधी शर्तों के एक नियम को रद कर दिया था।
इससे रहवासियों के हितों पर पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। अभी विधानसभा का सत्र नहीं है इसलिए अध्यादेश लाने की तैयारी की गई है। इसके प्रारूप को मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। आगामी नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए इसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का मामला काफी समय से चल रहा है। समय-समय पर कॉलोनियों को वैधता भी दी गई पर तीन जून 2019 को हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद यह काम रुक गया। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नियम बनाने की बात कही थी पर तैयारी के बीच ही सत्ता परिवर्तन हो गया। शिवराज सरकार ने मार्च 2021 के बजट सत्र में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी की थी पर कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सत्र समय से पहले स्थगित हो गया। विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से प्रविधान लागू करने की तैयारी की है।
मध्य प्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 में नियम 15-क जोड़ा गया था। इसमें 31 जून 1998 तक विकसित अनाधिकृत कॉलोनियों तथा उसमें भूखंडों पर अवैध निर्माण का शुल्क लेकर नियमितीकरण करने का प्रविधान था। इस समय सीमा को पहले 30 जून 2002 तक फिर 31 दिसंबर 2016 तक बढ़ाया गया था।