पटना पुस्तक मेले में नीलोत्पल मृणाल की नई किताब ‘विश्वगुरु’ का कवर लॉन्च: युवा बेस्टसेलर लेखक की चौथी कृति

Vishvaguru
Vishvaguru by Nilotpal Mrinal

पटना: Vishvaguru: हिंदी साहित्य के युवा और बेस्टसेलिंग लेखक, कवि नीलोत्पल मृणाल की बहुप्रतीक्षित चौथी किताब ‘विश्वगुरु'(Vishvaguru) का आकर्षक कवर (आवरण) पटना पुस्तक मेले में हिंद युग्म के स्टॉल पर भव्य रूप से लॉन्च किया गया। उनके संग इस दौरान मशहूर लेखक दिव्यप्रकाश दुबे एवं और भी साहित्यकार, साहित्यप्रेमी  शामिल हुए।

‘डार्क हॉर्स’, ‘औघड़’ और ‘यार जादूगर’ जैसे सफल उपन्यासों के बाद आ रही मृणाल की इस नई कृति को लेकर उनके पाठकों, खासकर हिंदी भाषी युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

नीलोत्पल मृणाल अपनी कविताओं, गीतों एवं कहानियों में ग्रामीण भारत के यथार्थ, संघर्षशील युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं तथा सामाजिक-राजनीतिक परिवेश को अत्यंत संवेदनशीलता और प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

बिहार के दुमका से आते हैं लेखक नीलोत्पल मृणाल

Vishvaguru

नीलोत्पल मृणाल हिंदी साहित्य की नई पीढ़ी के सर्वाधिक लोकप्रिय नामों में से एक हैं। उनका जन्म 25 दिसंबर 1984 को झारखंड (तत्कालीन बिहार) के दुमका में हुआ था। वह एक लेखक, कवि और लोकगायक होने के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहने वाले एक स्तंभकार भी हैं। (Vishvaguru)

  • पुरस्कार: उन्हें उनके पहले उपन्यास ‘डार्क हॉर्स’ के लिए 2016 में साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसने उन्हें रातोंरात साहित्यिक पटल पर स्थापित कर दिया।
  • पहचान: वह अपनी कहानियों में ग्रामीण परिवेश, संघर्ष और मानवीय मनोविज्ञान को गहराई से उतारने के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, सहज और पाठकों से सीधा जुड़ाव बनाने वाली है।
  • अन्य भूमिकाएं: लेखन के अतिरिक्त, वह विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों (जैसे CSAT आंदोलन) में सक्रिय भागीदारी के लिए भी जाने जाते हैं।

नीलोत्पल मृणाल की प्रमुख कृतियाँ

‘विश्वगुरु’ (Vishvaguru) से पहले, नीलोत्पल मृणाल के तीन उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं, जो व्यापक रूप से प्रशंसित और लोकप्रिय हुए हैं:

डार्क हॉर्स (Dark Horse)

प्रकाशन वर्ष (लगभग): 2015, यह उपन्यास दिल्ली के मुखर्जी नगर में यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रहे छात्रों के संघर्ष, त्याग और उनके सपनों की कहानी पर आधारित है। इसने हिंदी साहित्य में एक नए पाठक वर्ग को जोड़ा।

औघड़ (Aughad)

प्रकाशन वर्ष (लगभग): 2019, यह कृति ग्रामीण भारत की गहरी राजनीति, जातीय और सामाजिक संघर्षों का चित्रण करती है। इसमें एक ‘औघड़’ (एक संन्यासी जैसी आकृति) के माध्यम से समाज और मानवीय संबंधों की जटिलताओं को दर्शाया गया है।

यार जादूगर (Yaar Jadugar)

प्रकाशन वर्ष (लगभग): 2021, यह उपन्यास दोस्ती, जीवन-मृत्यु, और मानवीय मन के गहरे दार्शनिक पहलुओं पर केंद्रित है। यह अपने भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक चित्रण के लिए पाठकों के बीच लोकप्रिय हुआ।

Vishvaguru: चौथी कृति, ‘विश्वगुरु को लेकर पाठकों में इंतजार

चौथी कृति, ‘विश्वगुरु’, (Vishvaguru) का कवर लॉन्च होने के बाद अब पाठकों को इस बात का इंतजार है कि इस उपन्यास के माध्यम से मृणाल कौन सा नया सामाजिक या राजनीतिक आयाम सामने लाते हैं। कवर लॉन्च के दौरान आयोजकों और प्रशंसकों ने मृणाल को शुभकामनाएं दीं और जल्द ही किताब के बाजार में आने की उम्मीद जताई।

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