साहित्य । कुलदीप की कलम से नारी शक्ति को समर्पित एक खूबसूरत भावनात्मक संदेश है, जो प्रेम, सम्मान और उत्सव का प्रतीक है। छोटी कविता जिसमें स्त्री के विभिन्न रूपों की महिमा और उनके योगदान को उजागर किया गया है ।
चलो आज फिर एक बार
इस सृष्टि की सृजनकर्ता,
माँ, बहन, बेटी, दादी, नानी,
मौसी, ताई, चाची, पत्नी के नाम
जो ममता की गंगा बहातीं,
संघर्षों में भी मुस्कुरातीं,
त्याग, समर्पण, प्रेम की मूरत,
हर दुख में भी दीप जलातीं
चलो, खुशियों से भर दें ये शाम,
प्यार, सम्मान, सौहार्द के संग,
जिनके स्नेह से महकती दुनिया,
उनके चरणों में अर्पित हो दुनिया
संघर्ष की राहों में जो मुस्कुराईं,
हर आंधी में दीप बन जलाईं,
त्याग, समर्पण, स्नेह की मूरत,
हर नारी है प्रेम की सूरत।
माँ के आँचल की छाँव सुहानी,
बहन की हँसी, स्नेह की कहानी,
बेटी के सपनों की उड़ान,
हर रूप में नारी का सम्मान
दादी-नानी के आशीष का साया,
पत्नी की ममता, समर्पण की माया,
मौसी-चाची का अपनापन अनमोल,
हर रिश्ता है जैसे खुशबू का घोल
खुशियों से महके हर एक शाम,
हर रूप में नारी, शक्ति की पहचान,
जिससे चलता यह पूरा जहान
आओ करें हम उसका सम्मान,
हर दिन मनाएँ नारी का उत्सव महान
- नारी शक्ति को समर्पित
नारी केवल एक शब्द नहीं, संपूर्ण सृष्टि की शक्ति है।
वह प्रेम की मूरत, धैर्य की पराकाष्ठा और शक्ति का अथाह स्रोत है।
उसकी ममता से घर बसते हैं, उसकी हिम्मत से संसार चलता है।
वह बेटी बनकर घर की रौनक है,
वह बहन बनकर स्नेह का स्पंदन है,
वह पत्नी बनकर समर्पण की परिभाषा है,
वह माँ बनकर सृजन की अनुपम कथा है।
उसकी हँसी में संसार की रोशनी है,
उसकी आँखों में अनगिनत सपने हैं।
वह केवल सहनशीलता नहीं,
बल्कि अडिग इच्छाशक्ति की मिसाल है।
स्त्री केवल एक अस्तित्व नहीं,
बल्कि समर्पण, साहस और सृजन का संगम है।
आइए, हर दिन नारी शक्ति का सम्मान करें,
उसकी उड़ान को आसमान दें!
नारी तू नारायणी!