अहमदाबाद: Terrorism Decreased in India: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि पिछले दस वर्षों में कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत तक की कमी आई है।
उन्होंने यहां शाहीबाग क्षेत्र में अहमदाबाद पुलिस आयुक्त के नए कार्यालय भवन और संयुक्त पूछताछ केंद्र (जेआईसी) का उद्घाटन करने के बाद कहा कि इन क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी 72 प्रतिशत की कमी आई है।
यह भी पढ़ें: ‘सप्तशती के पाठ विधि, विनियोगःमंत्र,शापोद्धार से जगज्जननी माँ भगवती श्री दुर्गा जीआराधना करें
गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर आए शाह ने यह भी दावा किया कि एक बार तीनों नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार हो जाए तो लोगों को प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई तक तीन साल में न्याय मिल जाएगा।
Terrorism Decreased in India: 10 वर्षों में लोगों ने देश के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव देखा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दृढ़ संकल्प, स्थायी और प्रभावी समाधान तथा विकास समर्थक दृष्टिकोण से कश्मीर और अन्य स्थानों पर परिवर्तन आया है, जहां हिंसा व्याप्त थी।
उन्होंने कहा, ‘‘10 वर्षों में लोगों ने देश के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव देखा है। एक दशक पहले, इन तीन हॉटस्पॉट-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर बम विस्फोट होते रहते थे। उन दिनों यह इतना आम था कि ऐसी घटनाएं समाचारों में भी नहीं आती थीं।’’
Terrorism Decreased: केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र के प्रयासों की बदौलत इन तीन हॉटस्पॉट में पिछले 10 वर्षों में हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है और ऐसी घटनाओं के कारण होने वाली मौतों में भी 72 प्रतिशत की कमी आई है। यह दर्शाता है कि भारत आतंकवाद और नक्सलवाद से मुक्त राष्ट्र बनने की राह पर है।’’
नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम) के बारे में शाह ने कहा कि इन्हें तैयार करते समय सूक्ष्म विवरणों को ध्यान में रखा गया था।
Terrorism Decreased in India: उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन कानूनों की विभिन्न धाराओं को परिभाषित करते समय यह ध्यान में रखा कि कौन सी नयी तकनीक 100 साल बाद भी प्रचलन में रहेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगले 100 वर्षों तक कानूनों में बदलाव की जरूरत नहीं पड़ेगी।’’
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘एक बार इन कानूनों के कार्यान्वयन के लिए सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण हो जाने पर, हमारी न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे उन्नत हो जाएगी और लोगों को प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई तक तीन साल के भीतर न्याय मिलेगा।